उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अधिकारियों को दिया गया ट्रेस, टैस्ट और ट्रीटमेंट का प्लान काफी सफल होता नजर आ रहा है। इससे संक्रमण की रफ्तार में ब्रेक लगा है और नए संक्रमितों का ग्राफ तेजी से नीचे गिर रहा है जो प्रदेशवासियों के लिए काफी राहत भरा है। विगत 24 अप्रैल को प्रदेश में सर्वाधिक 38055 नए संक्रमित मिले थे जबकि 16 मई को नए संक्रमितों का आंकड़ा घट कर 10 हजार के आस-पास आ गया। 18 मई को जारी 24 घंटों की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में इस अवधि में मात्र 8727 पॉजिटिव केस मिले। वर्तमान में प्रदेश में संक्रमण दर 3.2 प्रतिशत रह गई है जबकि रिकवरी दर बढ़कर 90 प्रतिशत से अधिक हो गई है। इससे प्रदेशवासियों का हौसला और मनोबल बढ़ा है।
कोरोना के खिलाफ जंग की कमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं संभाल रखी है। अप्रैल के मध्य में संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों से चिंतित योगी आदित्यनाथ ने एक वर्चुअल मीटिंग के दौरान प्रदेश के सभी प्रमुख प्रशासनिक अधिकारियों एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित जनपदों एवं क्षेत्रों को चिन्हित करने, वहां अधिक से अधिक लोगों की जांच करने तथा सभी संक्रमितों का तत्काल इलाज शुरू करने के सख्त निर्देश दिए थे। इसे उन्होंने “थ्री टी प्लान” नाम दिया। ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए उन्होंने जिला अधिकारियों को अपने-अपने जिलों में सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात करने के निर्देश दिए। इन सेक्टर मजिस्ट्रेटों को अपने-अपने क्षेत्रों में “थ्री टी प्लान” चलाने को कहा गया है।
दरअसल, योगी आदित्यनाथ खुद पूरी तरह से एक्शन में हैं। वे स्वयं प्रदेश के कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित जिलों का दौरा कर रहे हैं और वहां के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे हैं। इसके साथ ही वह प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों से सीधे संवाद भी कर रहे हैं।
किसी भी संक्रमित की मौत आक्सीजन के अभाव में न हो इसके लिए राजधानी लखनऊ में स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव की अगुवाई में आक्सीजन कंट्रोल रूम बनाया है जिसे प्रदेश के सभी अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों से ऑनलाइन जोड़ा गया है। किसी मरीज की इलाज के अभाव मे मौत न होने पाए इसके लिए उन्होंने जनपद मुख्यालयों पर कोविड कमांड रूम बनाने के निर्देश दिये हैं। ये कोविड कमांड रूम चैबीसों घंटे काम कर रहे हैं। इन सबके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं और कोरोना का ग्राफ नीचे गिर रहा है।
तीसरी लहर से बच्चों को खतरे की आशंका को देखते हुए योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में बच्चों के लिए पीडियाट्रिक आईसीयू बनाने के निर्देश दिए हैं। इसमें संक्रमित बच्चों को रखा जाएगा और उनका विधिवत् इलाज किया जाएगा। मुख्यमंत्री की यह सक्रियता और सजगता निश्चित रूप से प्रशंसनीय है और इससे अधिकारियों का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है।
सुरेश बाबू मिश्रा
(सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य)
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