र्तमान समय में कोरोना के कहर से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है। संक्रमितो का आकड़ा ढाई करोड़ के आस पास पहुंच चुका है। दो लाख से अधिक लोग कोरोना से लड़ते हुए जीवन की जंग हार चुके हैं। कोरना का तेजी से बढ़ता ग्राफ चिंताजनक है। कोरोना के खिलाफ जंग में वैक्सीन ही वह अमोघ अस्त्र है जिसके द्वारा हम यह जंग जीत सकते हैं और कोरोना की आपदा से देश के लोगों को मुक्ति दिला सकते हैं। मगर वैक्सीनेशन की सुस्त रफ्तार चिंता का विषय है।

देश के वैज्ञानिक एवं चिकित्सक बधाई एवं साधुवाद के पात्र हैं कि हमारे देश ने दुनिया की सबसे सुरक्षित एवं प्रभावी वैक्सीन बनाई है। इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसका कोई खास साइड इफैक्ट नहीं है। केंद्र सरकार ने इसे देश की जनता के लिए निःशुल्क उपलब्ध कराया है। भारत इतना विशाल वैक्सीनेशन अभियान चलाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।

देश में कोरोना की रफ्तार एक बार फिर बहुत तेजी से बढ़ रही है। प्रतिदिन चार लाख से अधिक नए संक्रमित मिलना गम्भीर चिंता का विषय है। इसके बावजूद वैक्सीनेशन अभियान के प्रति लोगों की उदासीनता एवं सुस्ती हैरान कर देने वाली हैं। याद रखना होगा कि कोई भी रचनात्मक अभियान जनता के सक्रिय भागेदारी के बिना सफल नहीं हो सकता। इसलिए बुद्धजीवियों का यह दायित्व बनता है कि वे लोगों को जागरूक कर उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित करें जिससे वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाई जा सके।

कुछ लोगों में यह भ्रम फैल गया है कि दोनों वैक्सीन लगवाने के बाद भी लोगों को कोरोना हो रहा है। इसलिए वे वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे हैं। चिकित्सकों एवं विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना की पहली वैक्सीन लगवाने के 24 घंटे के अंदर हमारे शरीर में एंटीबॉजी बनने लगती हैं और इम्युनिटी धीरे-धीरे घटने लगती है। वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के पन्द्रह दिन बाद हमारे शरीर की इम्युनिटी बहुत कम हो जाती है। इसलिए वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद से 45 दिनों की अवधि के दौरान जरा सी भी लापरवाही बरतने पर कोरोना से संक्रमित होने का खतरा पूरी तरह से बना रहता है। 45 दिन के बाद हमारे शरीर की इम्युनिटी इतनी स्ट्रांग हो जाती है कि फिर कोरोना का वायरस हमारे शरीर को संक्रमित नहीं कर सकता। इसलिए वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद 45 दिन तक कोरोना के प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करें। जहां तक संभव हो घर से बाहर निकलने का परहेज करें। आवश्यकता पड़ने पर यदि घर से बाहर निकलना ही पड़े तो मास्क लगाकर ही निकलें तथा सोशल डिस्टेसिंग बनाये रखें। इस जानकारी को सबके साथ शेयर करें और उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित करें। इस समय सरकार को अपना पूरा फोकस वौक्सीन के उत्पादन बढ़ाने और टीकाकरण अभियान को गति प्रदान करने पर केंद्रित करना चाहिए। तभी हम कोरोना के खिलाफ जंग जीत सकते हैं ।

सुरेश बाबू मिश्रा

(सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य)

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