जिस देश पर कोविड-19 (कोरोना) का वायरस फैलाने के मामले में अंगुली उठाई गई थी अब उसी देश में कोविड केस निकलने की गति बढ़ रही है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो चीन में कई जगह लॉकडाउन जैसी स्थिति बन गई है। यही नहीं कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया को पहली वैक्सीन देने वाले रूस में फिर से कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। भारत मे भी पुनः कोरोना वायरस के केस सर्वाधिक केरल से निकल रहे हैं। हालांकि भारत मे रिकॉर्ड 105 करोड़ से अधिक लोगो का वैक्सिनेशन हो चुका है। इसके बाबजूद विश्व स्वास्थ्य संघठन (डब्ल्युएचओ) ने अभी तक भारत मे बनी कोवैक्सीन को अपनी मान्यता नहीं दी है जबकि चीन, अमेरिका रूस आदि की वैक्सीन को पेपर जमा होने के 3 से 4 माह में ही मान्यता मिल गई थी। उसके इस दोहरे रवैये के चलते भारतवासियों को दूसरे देश में जाने पर 14 दिन क्वारंटीन होना पड़ रहा है।
स्मरण रहे कि भारत बायोटेक ने लगभग 10 माह पूर्व ही कोवैक्सीन पर अपनी क्लीनिकल रिपोर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन को भेज दी थी जिसे उसने कथित दबाव में ठंडे बस्ते में रखा था ताकि अन्य देशों की वैक्सीन की अधिक खपत होने पर उनको आर्थिक लाभ हो सके, ऐसा आरोप भी लगा था। भारत ने भी इस पर अपनी आपत्ति जताई थी। हालांकि अब भारत के सख्त एतराज के बाद अब विश्व स्वास्थ्य संगठन के तकनीकी सलाहकार समूह (टीएजी) ने कोवैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए स्वीकृत सूची (ईयूएल) में शामिल करने पर विचार करने के लिए भारत बायोटेक से पुनः अतिरिक्त जानकारी मांगी है। सलाहकार समूह कोवैक्सीन से जोखिम और लाभ का आकलन कर रहा है। कोवैक्सीन के मसले पर विचार करने के लिए अब सलाहकार समूह की तीन नवंबर को बैठक होगी। स्मरण रहे अमेरिका ने डब्ल्युएचओ पर एक देश का पक्ष लेने का आरोप लगाकर उसे दी जाने वाली वित्तीय मदद भी बंद कर दी थी।
इस बीच भारत, रूस, चीन सहित कई देशों में कोविड केस बढ़ रहे हैं। रूस में हर दिन रिकॉर्ड संख्या में नए केस आ रहे हैं। रूस में पिछले तीन दिन में करीब 50 हजार लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस बीच करीब 12सौ लोगों ने दम तोड़ दिया। रूस की राजधानी मॉस्को में 11 दिन तक लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगा दी गई हैं। सभी गैरजरूरी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। चीन में भी कोविड केस मिलने पर कुछ प्रांतों में लॉकडाउन जैसी स्थिति की मीडिया में रिपोर्ट आ रही हैं।
भारत में आगामी दिनों में दीपावली सहित कई त्योहार हैं, लिहाजा अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी देशवासियों से त्योहारी सीजन में मास्क पहनने के साथ ही कोविड नियमों का सख्ती से पालन करने की अपील की है। भारत में कोविड मरीजों की सक्रिय केस की दर 0.47 प्रतिशत जबकि रिकवरी दर 98.19 प्रतिशत है। भारत में इस समय कुल टीकाकारण 105 करोड़ के पार हो चुका है। 32.25 करोड़ लोग कोविड वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं।
इसके साथ ही एक अच्छी खबर यह है कि अब 2 से 18 साल के बच्चों पर कौवैक्सीन की स्टडी लगभग पूरी हो चुकी है। शुरुआती संकेत अच्छे बताए जा रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि 12 से 18 साल के बच्चों का पहले वैक्सीनेशन होना चाहिए क्योंकि यह आयु वर्ग कोरोना संक्रमण को लेकर ज्यादा हाई रिस्क में हैं। दूसरा, अगर इस उम्र के बच्चे किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो उनको ज्यादा खतरा है। एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू करने से पहले सरकार को अलग से एक प्रोटोकॉल बनाना चाहिए, ताकि माता-पिता से लेकर वैक्सीनेशन टीम तक इन बातों का ख्याल रखते हुए वैक्सीनेशन में शामिल हों।
निर्भय सक्सेना
(पत्रकार संगठन उपजा के प्रदेश उपाध्यक्ष)