बरेली। इस बार के तहसील दिवस में फरियादियों की इस कदर भीड़ उमड़ी कि पुलिस की मदद लेनी पड़ी। ज़्यादातर शिकायतें ज़मीनों पर कब्जे और बिजली-सड़कों से संबन्धित थीं। एसडीएम सदर अपूर्वा दुबे और तहसीलदार मलखान सिंह ने दोपहर तक 172 शिकायतें सुनीं जिसमें से सात का तो हाथों हाथ समाधान किया। बाकी के लिए अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से हल करने की हिदायत दी गई।
भले ही प्रदेश सरकार भूमाफियाओं और दलालों पर शिकंजा कसने को उपाय कर रही हो मगर हकीकत यह है कि अभी तक ऐसे लोगों पर अंकुश नहीं लग सका है। तहसील पहुंचे अभयपुर, केशोपुर के दिव्यांग मोहम्मद इशहाक कादरी ने बताया कि गांव के एक सस्ते गल्ले का कोटा तमाम शिकातों के बाद प्रशासन ने निलंबित कर दिया था और पड़ोस के गांव से अटैच कर दिया था। अब इस कोटेदार के दामाद उसे और उसकी प्रधान मां को धमकियां दे रहे हैं कि अगर कोटा बहाल नहीं हुआ तो उनकी खैर नहीं है। कई और लोगों ने अपनी जमीन पर अवैध कब्जों की शिकायत की तो कुछ ने गांव में बिजली, रोड समेत तमाम तरह की शिकायतें एसडीएम से कीं। एसडीएम सदर अपूर्वा दुबे ने सभी शिकायतों को बेहद संजीदगी से सुना और उनका समाधान किया।
पुलिस को संभालना पड़ा मोर्चा
बरेली। दरअसल इस बार के तहसील दिवस में फरियादियों की काफी भीड़ रही जिसकी वजह से पुलिस को व्यवस्था संभालनी पड़ी। फरियादियों के शोर शराबा करने पर उन्हें पुलिस की मदद से लाइन में लगवाया गया। महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।