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  • Good News:पासपोर्ट बनवानें के लिए हिंदी में करें Online आवेदन

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    नई दिल्ली।  पासपोर्ट आवेदन करते समय तमाम लोगों को अंग्रेजी भाषा में भरने की वज़ह से दिक्कत आती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा अब हिंदी में पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा।

    विदेश मंत्रालय ने इसके लिए पासपोर्ट वेबसाइट पर सेवा को शुरू कर दिया है। अब लोग हिंदी में भी पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकेंगे।इससे उन लोगों को पासपोर्ट के लिए आवेदन करना आसान हो जाएगा, जिनको अंग्रेजी भाषा में पासपोर्ट का आवेदन करना मुश्किल काम लगता था।

    विदेश मंत्रालय द्वारा यह कदम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा आधिकारिक भाषा के लिए बनाई गई समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने के बाद उठाया गया है। 2011 में रिपोर्ट सौंपी गई. पैनल द्वारा दिए गए सुझाव में कहा गया था कि सभी पासपोर्ट कार्यालयों में हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में फॉर्म उपलब्ध कराए जाने चाहिए और हिंदी भरे गए आवेदनों को स्वीकार किया जाना चाहिए। इसके साथ ही पैनल ने अपनी सिफारिश में कहा था कि सभी पासपोर्ट में एंट्री भी हिंदी में होनी चाहिए।

    एक आधिकारिक आदेश के मुताबिक राष्ट्रपति द्वारा हाल ही मेंइन सिफारिशों को स्वीकार किया गया है।

    आवेदनकर्ता वेबसाइट पर हिंदी में मौजूद को फॉर्म डाउनलोड कर सकता है और हिंदी में फॉर्म को भरकर वेबसाइट पर अपलोड करके पासपोर्ट के लिए अप्लाई कर सकता है। फॉर्म का भरा हुआ प्रिंट आउट पासपोर्ट सेवा केंद्र और स्थानीय पासपोर्ट ऑफिस में स्वीकार नहीं करेंगे।

    जो लोग हिंदी में पासपोर्ट के लिए आवेदन करना चाहते हैं उनको पासपोर्ट विभाग की वेबसाइट पर जाना होगा। इसके बाद अपने आप को रजिस्टर करना होगा। रजिस्ट्रेशन प्रोसेस करने के बाद दिए गए ई-फार्म को अपने लैपटॉप या फिर डेस्कटॉप पर डाउनलोड करना होगा।इसके बाद इस फॉर्म को भरना होगा और पूरा फॉर्म भरकर के अपलोड करना होगा।

    इसके बाद ऑनलाइन तरीके से फीस जमा करनी होगी। इसके बाद डॉक्यूमेंट्स की जांच और पुलिस वेरिफिकेशन होने के बाद आपके पास पासपोर्ट पहुंच जाएगा।

  • Good News:पासपोर्ट बनवानें के लिए हिंदी में करें Online आवेदन

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    नई दिल्ली।  पासपोर्ट आवेदन करते समय तमाम लोगों को अंग्रेजी भाषा में भरने की वज़ह से दिक्कत आती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा अब हिंदी में पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा।

    विदेश मंत्रालय ने इसके लिए पासपोर्ट वेबसाइट पर सेवा को शुरू कर दिया है। अब लोग हिंदी में भी पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकेंगे।इससे उन लोगों को पासपोर्ट के लिए आवेदन करना आसान हो जाएगा, जिनको अंग्रेजी भाषा में पासपोर्ट का आवेदन करना मुश्किल काम लगता था।

    विदेश मंत्रालय द्वारा यह कदम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा आधिकारिक भाषा के लिए बनाई गई समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने के बाद उठाया गया है। 2011 में रिपोर्ट सौंपी गई. पैनल द्वारा दिए गए सुझाव में कहा गया था कि सभी पासपोर्ट कार्यालयों में हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में फॉर्म उपलब्ध कराए जाने चाहिए और हिंदी भरे गए आवेदनों को स्वीकार किया जाना चाहिए। इसके साथ ही पैनल ने अपनी सिफारिश में कहा था कि सभी पासपोर्ट में एंट्री भी हिंदी में होनी चाहिए।

    एक आधिकारिक आदेश के मुताबिक राष्ट्रपति द्वारा हाल ही मेंइन सिफारिशों को स्वीकार किया गया है।

    आवेदनकर्ता वेबसाइट पर हिंदी में मौजूद को फॉर्म डाउनलोड कर सकता है और हिंदी में फॉर्म को भरकर वेबसाइट पर अपलोड करके पासपोर्ट के लिए अप्लाई कर सकता है। फॉर्म का भरा हुआ प्रिंट आउट पासपोर्ट सेवा केंद्र और स्थानीय पासपोर्ट ऑफिस में स्वीकार नहीं करेंगे।

    जो लोग हिंदी में पासपोर्ट के लिए आवेदन करना चाहते हैं उनको पासपोर्ट विभाग की वेबसाइट पर जाना होगा। इसके बाद अपने आप को रजिस्टर करना होगा। रजिस्ट्रेशन प्रोसेस करने के बाद दिए गए ई-फार्म को अपने लैपटॉप या फिर डेस्कटॉप पर डाउनलोड करना होगा।इसके बाद इस फॉर्म को भरना होगा और पूरा फॉर्म भरकर के अपलोड करना होगा।

    इसके बाद ऑनलाइन तरीके से फीस जमा करनी होगी। इसके बाद डॉक्यूमेंट्स की जांच और पुलिस वेरिफिकेशन होने के बाद आपके पास पासपोर्ट पहुंच जाएगा।

  •  whatsapp बना कश्मीरी पत्थरबाजों को उकसाने का जरिया

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    श्रीनगर।कश्मीर में पथराव करने वालों को जुटाने के लिए तकरीबन 300 व्हाट्सऐप ग्रुप का इस्तेमाल किया जा रहा था ताकि मुठभेड़ स्थलों पर सुरक्षा बलों के अभियानों को बाधित किया जा सकें।इसलिए आज इन 300 व्हाट्सऐप ग्रुप में से 90 फीसदी अब बंद किये गए हैं। एक पुलिस अधिकारी ने 23 अप्रैल रविवार को यह बात कही।

    इन 300 व्हाट्स ऐप ग्रुप में प्रत्येक में तकरीबन 250 सदस्य थे।अधिकारी ने बताया कि कैसे पथराव करने वाली भीड़ को मुठभेड़ स्थलों पर जुटाकर सुरक्षा बलों के अभियानों को बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है।

    उन्होंने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘हमने इन ग्रुप और ग्रुप एडमिनिस्ट्रेटर की पहचान की, जिन्हें पुलिस ने काउन्सलिंग के लिए बुलाया था।हमें इस पहल पर अच्छी प्रतिक्रिया मिली।’ पिछले तीन सप्ताह में इन व्हाट्सऐप ग्रुप में 90 फीसदी से अधिक को बंद कर दिया गया है।

    उन्होंने कहा कि इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने की सरकार की नीति लगता है मुठभेड़ों के दौरान पथराव पर रोक लगाने में सकारात्मक नतीजे दिखा रही है और बड़गाम जिले में शनिवार (22 अप्रैल) की मुठभेड़ के मामले का हवाला दिया।

    मुठभेड़ में शनिवार को दो आतंकवादियों को मार गिराया गया था। उस दौरान पथराव करने के लिए कुछ ही युवक जुटे थे।

  •  whatsapp बना कश्मीरी पत्थरबाजों को उकसाने का जरिया

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    श्रीनगर।कश्मीर में पथराव करने वालों को जुटाने के लिए तकरीबन 300 व्हाट्सऐप ग्रुप का इस्तेमाल किया जा रहा था ताकि मुठभेड़ स्थलों पर सुरक्षा बलों के अभियानों को बाधित किया जा सकें।इसलिए आज इन 300 व्हाट्सऐप ग्रुप में से 90 फीसदी अब बंद किये गए हैं। एक पुलिस अधिकारी ने 23 अप्रैल रविवार को यह बात कही।

    इन 300 व्हाट्स ऐप ग्रुप में प्रत्येक में तकरीबन 250 सदस्य थे।अधिकारी ने बताया कि कैसे पथराव करने वाली भीड़ को मुठभेड़ स्थलों पर जुटाकर सुरक्षा बलों के अभियानों को बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है।

    उन्होंने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘हमने इन ग्रुप और ग्रुप एडमिनिस्ट्रेटर की पहचान की, जिन्हें पुलिस ने काउन्सलिंग के लिए बुलाया था।हमें इस पहल पर अच्छी प्रतिक्रिया मिली।’ पिछले तीन सप्ताह में इन व्हाट्सऐप ग्रुप में 90 फीसदी से अधिक को बंद कर दिया गया है।

    उन्होंने कहा कि इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने की सरकार की नीति लगता है मुठभेड़ों के दौरान पथराव पर रोक लगाने में सकारात्मक नतीजे दिखा रही है और बड़गाम जिले में शनिवार (22 अप्रैल) की मुठभेड़ के मामले का हवाला दिया।

    मुठभेड़ में शनिवार को दो आतंकवादियों को मार गिराया गया था। उस दौरान पथराव करने के लिए कुछ ही युवक जुटे थे।

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