बरेली। डयूटी लगाने के नाम पर होमगार्डों से हर महीने वसूली होती है। उ.प्र. होमगार्ड अवैतनिक अधिकारी व कर्मचारी ऐसोसिएशन की इस शिकायत पर कैबिनेट मंत्री धर्मपाल ने जिलाधिकारी को होमगार्ड कमांडेण्ट की भूमिका की जांच कराने के आदेश दिये हैं।
संगठन से जुड़े होमगार्ड रविवार को कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने सर्किट हाउस में मिले। उन्हें ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि विभाग की स्थापना 1963 में स्वयंसेवक के रूप में हुई थी। उस वक्त कमाडेंट व मण्डलीय कमाडेंट आदि सभी अवैतनिक पद होते थे। होमगार्ड विभाग में चार बार संशोधन हो चुका है जिसके परिणाम स्वरूप विभाग में दोहरी नीति चल रही है। एक वैतनिक दूसरी अवैतनिक पद है।
अवैतनिक होमगार्ड की संख्या 1,24,421 है जबकि स्थाई पद पूरे उत्तर प्रदेश में 3115 है। यह वैतनिक अधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। अवैध तरीकों से होमगार्डों की डयूटी लगाकर उगाही करा रहे हैं। वैतनिक अधिकारी और कर्मचारी अपने वेतन के अलावा अवैतनिक अधिकारियों व होमगार्डों का शोषण करते हैं। नयी सरकार बनने पर भी जिला कमाडेंट का भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ।
डयूटी जाने के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। इसी तरह नगर निरीक्षक आरपी यादव ने मुख्यमंत्री स्वच्छता अभियान में होगार्डों को डयूटी पर भेजने के लिए उगाही की। जिला कमांडेंट से इसका विरोध करने पर होमगार्डों नौकरी से निकालने की धमकी दी गयी। कैबिनेट मंत्री ने होमगार्ड कमांडेण्ट अभिलेष कुमार के खिलाफ जांच शुरू करने के निर्देश दिये हैं।