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  • गर्मी के मौसम में होती है आंखों में एलर्जी, बचने को करें ये उपाय…

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    alergy in eyeबरेली। मौसम दिनों दिन गरम होता जा रहा है। धूप में निकलना लोगों की मजबूरी है, ऐसे में अपनी आंखों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। गर्मी के दिनों में आंखों की विभिन्न बीमारियां होने लगती हैं, उनसे बचने के लिए एहतियात बरतना बहुत जरूरी है।

    इन दिनों मेें आंखों में एलर्जी की समस्या आम पायी जाती है। आंखों में धूप और धूल के कारण खुजली, जलन, लालपन और पानी आना, एलर्जी होने के मुख्य लक्षण हैं।

    नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. अक्षय गुप्ता कहते हैं कि इस मौसम में एलर्जी से आंखों को बचाने के लिए विशेष सतर्कता बरतना चाहिए। एहतियात बरतने से ही इससे बचा जा सकता है। वह कहते हैं कि इन दिनों में एक और समस्या आमतौर पर आती है वह है गांव में गेहूं की कटाई हो रही होती है। गेहूं की बाली के रेशे से कई बार आखों में चोट लग जाती है। उनमें जख्म हो जाते हैं।
    इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका सिर्फ और सिर्फ एहतियात ही है। वह कहते हैं कि खेत में चश्मा पहनकर काम किया नहीं जा सकता। फिर भी सम्भव हो तो पहन लेना ही बेहतर है। यदि आंख में चोट लग जाये या घाव हो जाये तो तत्काल किसी प्रशिक्षित एवं योग्य डाॅक्टर को दिखायें।

    क्या करें ?

    1-वह कहते हैं कि यदि संभव हो तो तेज धूप में न निकलें। जान बहुत आवश्यक हो तो धूप का चश्मा जरूर लगायें।
    2- दिन में चार-पांच बार आंखों को ठण्डे पानी से धोयें।
    3- आंखों में खुजली होने पर अच्छा गुलाब जल डाल लें या फिर संभव हो तो किसी योग्य डाॅक्टर को दिखाकर परामर्श लें।

    क्या न करें ?

    1-स्वयं में डाॅक्टर न बनें, बिना पुख्ता जानकारी के कोई दवा आंखों में न डालें। गलत दवा पड़ जाने से नुकसान हो सकता है।
    2- किसी योग्य डाक्टर को ही दिखायें, किसी झोलाछाप या नीम हकीम की बनायी दवा से परहेज करें।

  • मरीजों के पर्चे पर केवल जेनेरिक दवाएं ही लिखें डाॅक्टर्स, वरना होगी कार्रवाई-MCI

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    नयी दिल्ली। मेडिकल काउंसिल आॅफ इण्डिया यानि एमसीआई ने शनिवार को स्पष्ट किया है कि यदि डाॅक्टर्स ने केवल जेनेरिक दवाओं की अनुशंसा करने के दिशानिर्देश का पालन नहीं किया तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। देश के शीर्ष चिकित्सा नियामक द्वारा डाॅक्टरों को यह चेतावनी प्रधानमंत्री के चिकित्सकों द्वारा कम कीमत की दवाओं की अनुशंसा करने को लेकर कानून बनाए जाने की बात कहने के बाद आयी है।

    स्पष्ट तौर पर बड़े अक्षरों में होना चाहिए दवाओं की अनुशंसा

    एमसीआई ने शुक्रवार को चिकित्सकों को फिर से कहा था कि पर्ची स्पष्ट अक्षरों में और मुख्य तौर पर बड़े अक्षरों में होना चाहिए और दवाओं के प्रयोग में ‘तर्कसंगतता’होनी चाहिए और ऐसा नहीं होने पर ‘कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई’की जाएगी। एमसीआई ने चिकित्सकों से कहा है कि इसके 2016 की अधिसूचना का पालन करें जिसमें इसने भारतीय चिकित्सा परिषद् (पेशेवर व्यवहार, शिष्टता और नैतिकता) विनियमन 2002 की धारा 1 . 5 में इस सिलसिले में संशोधन किया गया है।

    बता दें कि हाल के समय में सूरत में एक मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि चिकित्सक इस तरह से पर्ची लिखते हैं कि गरीब लोग उनकी लेखनी समझ नहीं पाते और वे ऊंचे दामों पर निजी दुकानों से दवाएं खरीदते हैं।

    एमसीआई द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि ‘एमसीआई अधिनियम के तहत पंजीकृत सभी चिकित्सकों को निर्देश दिया जाता है कि विनियमन के उपयुक्त प्रावधानों का अनिवार्य रूप से पालन करें।’ यह सर्कुलर मेडिकल कॉलेजों के सभी डीन, प्रिंसिपल, अस्पतालों के निदेशकों और सभी राज्य चिकित्सा परिषद् के अध्यक्षों को जारी किया गया है।

    सरकार भी 2015 के आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची को संशोधित कर रही है ताकि अधिक दवाओं को इसमें शामिल किया जा सके। जन औषधि कार्यक्रम का भी विस्तार किया जा रहा है जिसके तहत सरकार उचित दर पर आवश्यक दवाएं मुहैया कराती है।

    एजेन्सी

  • अल्मा मातेर स्कूल के बच्चों ने मनाया ‘अर्थ-डे’, पौधे रोपे

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     अल्मा मातेर स्कूल में ‘अर्थ-डे’ अल्मा मातेर स्कूल में ‘अर्थ-डे’बरेली। अल्मा मातेर डे-बोर्डिंग स्कूल के बच्चों ने अर्थ डे यानि पृथ्वी दिवस के बारे में जाना। विद्यालय की कूर्मांचल नगर और महानगर शाखाओं में कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को इस बारे में बताया गया।

    शिक्षिका हेमा ने बताया कि हमें प्रकृति का दुश्मन नहीं बल्कि दोस्त बनकर रहना चाहिए। बताया कि हमारा जीवन पूरी तरह प्रकृति पर ही आधारित है। उन्होंने बच्चों को समझाया कि किसी को भी अपने आसपास के पेड़ पौधों को नुकसान मत पहुंचाने दीजिए।

    इस मौके पर सभी बच्चे अपने घरों से विभिन्न प्रकार के पौधे लाये थे, जिन्हें महानगर के उपवन में रोपा गया। स्कूल के डायरेक्टर प्रत्यक्ष ढींगरा ने भी वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर महुआ, समता, स्वाति और जेबा आदि शिक्षिकाएं आदि मौजूद रहीं।

  • जिला पंचायत में भिड़े सपाई और भाजपाई, जमकर तोड़फोड़

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    zila panchayat meetingबरेली। जिला पंचायत सभागार में शनिवार को पंचायत सदस्यों की मीटिंग में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के सदस्य आपस में भिड़ गये। वहां जमकर तोड़फोड़ हुई। जिला पंचायत अध्यक्ष संजय सिंह के चैम्बर के दरवाजे में लगा शीशा और कुर्सी-मेजें तोड़ दी गयीं।

    घटनाक्रम के अनुसार शनिवार को जिला पंचायत में सदस्यों की मीटिंग होनी थी। हालांकि मीटिंग की तारीख बदलने का आदेश मंडलायुक्त ने एक दिन पूर्व कर दिया था। इसके बावजूद मीटिंग होने पर भाजपा सदस्यों ने विरोध किया था। आज मीटिंग के दौरान महिला पंचायत सदस्य मंजू देवी के साथ उनके पति मोहन सिंह भी मीटिंग में आये थे। उन्होंने मीटिंग का बहिष्कार करने का प्रयास किया। इस मीटिंग में आयीं अन्य महिला सदस्यों ने मोहन सिंह का विरोध किया। इस पर मोहन सिंह और महिला सदस्यों के बीच गरमागर्मी हो गयी। आरोप है कि वहां मोहन सिंह ने गाली-गलौज की।

    बताते हैं कि इसके बाद मोहन सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष के कार्यालय पहुंचे। बताया जाता है कि वहां पहले से मौजूद संजय सिंह के पिता सेवानिवृत्त एडीएम फाइनेंस रामेश्वरदयाल मौजूद थे। मोहन सिंह ने रामेश्वरदयाल के साथ गाली-गलौज कर अभद्रता की और वहां रखे फर्नीचर तोड़ दिए। इस दौरान कार्यालय के मुख्य गेट का शीशा तोड़कर काफी देर तक हंगामा होता रहा जब तक पंचायत सदस्य वहां पहुंच पाते मोहन सिंह अपनी पत्नी मंजू देवी के साथ जा चुके थे।

    संजय सिंह ने मीटिंग में सदस्यों द्वारा दिए गए प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पास कर दिये। संजय सिंह ने बताया विकास कार्यों के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत में पहली बार राष्ट्रगान का आयोजन किया गया। पंचायत के सभी सदस्यों ने मीटिंग में मोहन सिंह द्वारा की गई घृणित कार्य की घोर निंदा करते हुए निंदा प्रस्ताव पारित किया।

    कहा कि मोहन सिंह के खिलाफ पुलिस को लिखित तहरीर देकर उनकी गिरफ्तारी की मांग की जाएगी तथा पंचायत सदस्य मंजू देवी की सदस्यता समाप्त करने के लिए संस्तुति की जाएगी। कहा कि यदि पुलिस ने आरोपी को 2 दिन में गिरफ्तार नहीं किया तो पंचायत सदस्य कार्यालय में एसएसपी कार्यालय में धरना देंगे। इस मौके पर सीडीओ शिव सहाय अवस्थी समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।

    वहीं सेवानिवृत्त एडीएम फाइनेंस रामेश्वरदयाल ने बताया कि क्योंकि वह जिला पंचायत अध्यक्ष संजय सिंह के पिता हैं और आज यहां भोजन की व्यवस्था उन्होंने ही की थी इसलिए वहां पहुंचे थे। लेकिन यहां पर जिला पंचायत सदस्य मंजू देवी के पति मोहन सिंह ने उनके साथ अभद्रता करते हुए तोड़फोड़ की और मारपीट करने का प्रयास किया। यदि समय रहते जिला पंचायत सदस्य मौके पर नहीं पहुंचते तो कोई भी घटना हो सकती थी।

    यह बताते चलें कि शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के नव निर्वाचित विधायकों ने बरेली कमिश्नर को ज्ञापन देकर शनिवार को होने वाली जिला पंचायत सदस्यों की मीटिंग को निरस्त करने की मांग की थी। विधायकों का कहना था कि उनकी लखनऊ में पहली बार मीटिंग होनी है जिसके कारण वह लोग जिला पंचायत सदस्यों की बोर्ड मीटिंग में शामिल नहीं हो सकेंगे। कमिश्नर ने सीडीओ को निर्देशित किया था कि शनिवार को होने वाली बैठक निरस्त कर अग्रिम तारीख सुनिश्चित की जाए। कमिश्नर के आदेश के बावजूद आज शनिवार को पंचायत सदस्यों के वोट बैठक का आयोजन किया गया। प्रतीत होता है कि कमिश्नर के आदेशों की सीधे तौर पर अवहेलना की गयी। इसी को लेकर भाजपा सदस्यों एवं नव निर्वाचित विधायको में रोष व्याप्त है।

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