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  • जयनारायण काॅलेज में विज्ञान प्रदर्शनी एवं संगोष्ठी का आयोजन

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    जयनारायण काॅलेज में विज्ञान प्रदर्शनी जयनारायण काॅलेज में विज्ञान प्रदर्शनीबरेली। जयनारायण सरस्वती विद्या मन्दिर, इण्टर काॅलेज में जिला विज्ञान क्लब द्वारा नवप्रवर्तन प्रदर्शनी का आयोजन किय गया। संगोष्ठी का मुख्य विषय पृथ्वी एवं समाज के लिए नवाचार रहा। इस प्रदशर्नी एवं संगोष्ठी में बरेली जनपद के विभिन्न विद्यालयों के छात्रों ने स्वनिर्मित माॅडल प्रस्तुत किये।

    जयनारायण के छात्रों ने एक देशभक्ति का गीत तथा जल एवं पर्यावरण संरक्षण पर एक नाटक प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाचार्य बृजमेाहन शर्मा ने की, मुख्य अतिथि बिथरी विधायक राजेश कुमार मिश्रा तथा विशिष्ट अतिथि मुख्य विकास अधिकारी शिव सहाय अवस्थी व आई0वी0आर0आई0 के वरिष्ठ वैज्ञानिक अनिल गर्ग रहे।

    कार्यक्रम में जिला विज्ञान समन्वयक डाॅ. रवि शर्मा, डाॅ. गिरराज सिंह, देवशंकर मिश्रा, संदीप मिश्रा, डाॅ. कैलाश चन्द्र पाठक, विनय कुमार सिंह, नवल किशोर त्रिपाठी आदि का विशेष ासहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. गोविन्द दीक्षित ने किया।

  • जंतर-मंतर पर किसानों ने पेशाब पीकर किया विरोध-प्रदर्शन

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    नई दिल्ली।बीते 40 दिनों से जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे तमिलनाडु के किसानों ने शनिवार को अपना पेशाब पीकर विरोध-प्रदर्शन किया।किसान सरकार का ध्यान अपनी तरफ खींचने के लिए लगातार अलग-अलग ढंग से अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।किसान केंद्र से अपने लोन की माफी की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि उनकी फसल कई बार आए सूखे और चक्रवात में बर्बाद हो चुकी है। किसान चाहते हैं कि केंद्र सरकार उनकी समस्या का समाधान करे। वे आत्महत्या कर चुके किसानों की खोपड़ियां भी साथ लेकर आए हैं।प्रदर्शन की अपनी हद पार करते हुए किसानों ने शनिवार को अपना पेशाब पिया और कहा कि केंद्र सरकार ने यदि उनकी बात नहीं सुनी तो वे रविवार को अपना मल खाने से भी परहेज नहीं करेंगे।

    https://twitter.com/ANI_news/status/855676451097460736

    किसान लगातार अलग-अलग ढंग से अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अपनी मांगें पूरी न होते देख इन किसानों ने पिछले दिनों नग्न प्रदर्शन करने से लेकर चूहे तक खाए।कुछ दिनों पहले विरोध प्रदर्शन स्थल पर किसान घास लेकर आए और मीडियाकर्मियों के सामने उसे खाया।

    एक किसान ने कहा, ‘हम अपनी पीड़ा की तरफ प्रधानमंत्री का ध्यान खींचने के लिए तमाम कोशिशें कर रहे हैं लेकिन उनका कोई फायदा नहीं हुआ। इसलिए हम घास खा रहे हैं। ’ किसान अपनी समस्याओं की तरफ ध्यान खींचने के लिए खास तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

    क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय दलों के कई नेताओं, फिल्म कलाकारों एवं किसान संघों ने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन किया है। किसान ने कहा, ‘केंद्रीय मंत्रियों से बात करने के बावजूद हमारी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया।’ किसानों की मांगों में केंद्र से 40,000 करोड़ रुपये का सूखा राहत पैकेज, कृषि रिण माफी और कावेरी प्रबंधन बोर्ड की स्थापना शामिल हैं।

  • जंतर-मंतर पर किसानों ने पेशाब पीकर किया विरोध-प्रदर्शन

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    नई दिल्ली।बीते 40 दिनों से जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे तमिलनाडु के किसानों ने शनिवार को अपना पेशाब पीकर विरोध-प्रदर्शन किया।किसान सरकार का ध्यान अपनी तरफ खींचने के लिए लगातार अलग-अलग ढंग से अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।किसान केंद्र से अपने लोन की माफी की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि उनकी फसल कई बार आए सूखे और चक्रवात में बर्बाद हो चुकी है। किसान चाहते हैं कि केंद्र सरकार उनकी समस्या का समाधान करे। वे आत्महत्या कर चुके किसानों की खोपड़ियां भी साथ लेकर आए हैं।प्रदर्शन की अपनी हद पार करते हुए किसानों ने शनिवार को अपना पेशाब पिया और कहा कि केंद्र सरकार ने यदि उनकी बात नहीं सुनी तो वे रविवार को अपना मल खाने से भी परहेज नहीं करेंगे।

    https://twitter.com/ANI_news/status/855676451097460736

    किसान लगातार अलग-अलग ढंग से अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अपनी मांगें पूरी न होते देख इन किसानों ने पिछले दिनों नग्न प्रदर्शन करने से लेकर चूहे तक खाए।कुछ दिनों पहले विरोध प्रदर्शन स्थल पर किसान घास लेकर आए और मीडियाकर्मियों के सामने उसे खाया।

    एक किसान ने कहा, ‘हम अपनी पीड़ा की तरफ प्रधानमंत्री का ध्यान खींचने के लिए तमाम कोशिशें कर रहे हैं लेकिन उनका कोई फायदा नहीं हुआ। इसलिए हम घास खा रहे हैं। ’ किसान अपनी समस्याओं की तरफ ध्यान खींचने के लिए खास तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

    क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय दलों के कई नेताओं, फिल्म कलाकारों एवं किसान संघों ने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन किया है। किसान ने कहा, ‘केंद्रीय मंत्रियों से बात करने के बावजूद हमारी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया।’ किसानों की मांगों में केंद्र से 40,000 करोड़ रुपये का सूखा राहत पैकेज, कृषि रिण माफी और कावेरी प्रबंधन बोर्ड की स्थापना शामिल हैं।

  • यूपी के 2000 मदरसों और मस्जिदों पर हैं ATS की नजर

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    लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शनिवार को आतंकी साजिश में शामिल होने के शक में कुछ युवकों को गिरफ्तार किए जाने के बाद पुलिस सतर्क हो गई है। पुलिस ने पश्चिमी यूपी के करीब दो हजार मदरसों और मस्जिदों पर चौकसीबढ़ा  दी है। मदरसों में आने जाने वाले हर शख्स पर यूपी एटीएस की नजर हैं।साथ ही  बिजनौर के आस-पास के इलाकों के कुछ संदिग्ध लोगों पर भी पुलिस की नजर हैं।

    मीडिया सूत्रों के हवाले से मिल रही खबरों के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस ने बिजनौर  और उसके आस-पास के लगभग 2,000 मस्जिदों और मदरसों की चौकसी  बढ़ा दी गई है, क्योंकि हिरासत में लिए गए ज्यादातर लोग मदरसे में पढ़ाई करते थे।

    सूत्रों के  मुताबिक 17-18 आतंकी साधु संतों के भेष में बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं। यह जानकारी एमपी पुलिस ने यूपी पुलिस को दी है। एमपी पुलिस के अलर्ट के मुताबिक ये  आतंकी भारत-नेपाल बॉर्डर के रास्ते देश में दाखिल हो सकते हैं और किसी बड़ी  आतंकी वारदात को अंजाम दे सकते हैं।

    कानून प्रवर्तन एजेंसियों का ध्यान अब यूपी के इस इलाके  में मदरसे और मस्जिदों पर केंद्रित है। बताया जा रहा है कि यहां करीब 500 मदरसे हैं वहीं इस क्षेत्र में करीब 1,500 मस्जिद हैं, जिन पर पुलिस ने निगरानी बढ़ा दी है।

    इस मामले में बिजनौर पुलिस के मुताबिक पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां बिजनौर और इसके आसपास के इलाकों में धार्मिक संस्थानों पर कड़ी नजर रखे हुए है। वहीं इन संस्थानों में जाने वाले इलाके के जिम्मेदार नागिरकों से भी सहायता मांगी गई है।

     

     

     

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