बरेली। हरुनगला स्थित कंथोर गांव के अग्निपीड़ितों की मदद के लिए शहर के कुछ डाॅक्टर्स आगे आये। इन्होंने मिलकर शुक्रवार को पीड़ितों को दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं के साथ ही तिरपाल और चटाई आदि वितरित कीं। सामान वितरण करते हुए इन्होंने पीड़ित मजदूरों के परिवारों को हर संभव का सहायता का आश्वासन दिया। साथ ही प्रशासन से मांग की कि इन परिवारों को यथाशीघ्र सरकारी सहायता दिलाने के लिए प्रयास करें जिससे इनका जीवन पटरी पर आ सके।
बता दें कि तीन दिन पूर्व कंथोर के 36 मजदूर परिवारों की झोपड़ियों को आग से राख में बदल दिया था। इस हादसे में इन परिवारों के पास कुछ नहीं बचा। इसमें 12 बकरियां और एक वृद्धा की भी जलकर मौत हो गयी थी। इन्हीं की मदद को शहर के लोग आगे आ रहे हैं।
ये डाॅक्टर्स अपनी टीम और भारत माता समूह के लोगों के साथ शाम करीब 5 बजे घटनास्थल पर पहुंचे। ये अपनी कारों में तिरपाल, चटाई, बाल्टी, मग, आटा, चावल, तेल, साबुन, मंजन, बिस्कुट आदि दैनिक उपयोग की वस्तुएं लेकर गये थे। वहां पहंुचकर इनके 36 सेट तैयार किये गये और उन्हें पीड़ितों को वितरित किया गया। इसके अलावा कुछ पुराने कपड़े और बर्तन आदि भी लोगों को दिये गये। सामान वितरण के बाद इन लोगों ने पीड़ितों को तैयार भोजन के पैकेट भी दिये और वहीं भोजन कराया।
इस पुनीत कार्य में मेडिसिटी के निदेशक डाॅ. विमल भारद्वाज, डाॅ. बृजेश यादव, डाॅ. रुचिन अग्रवाल, संजय शुक्ला, डा. विवेक मिश्रा, डा. विपुल कुमार और डा. रजनीश के साथ अमित पाल, संदीप चैहान, विशाल जौहरी का विशेष सहयोग रहा। इसके अलावा अमर शर्मा, विवेक द्विवेदी, विनीत शर्मा, ऋषभ गौर, प्रभाकर श्रीवास्तव, राजेश झा, प्रत्युष भारद्वाज, सुधीर शर्मा, मयंक शंखधार, पुनीत अरोरा, दीपक यादव, पुनीत आहूजा, सचिन पाठक, अमित सक्सेना, महेश पाल और उमेश सिंह ने भी सहयोग किया और सामान वितरण कराया।