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  • मिराच सौदा रद, सुब्रत राय सहारा को झटका

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    Subart_6न्यूयॉर्क। अमेरिकी कंपनी मिराच से लोन व्यवस्था के तहत सहारा समूह को रकम मिलने की उम्मीदों पर पूरी तरह पानी फिर चुका है। अमेरिकी कंपनी ने इसे रद करने का ऐलान कर दिया। आरोप-प्रत्यारोप के बीच उसने सौदे की जांच-पड़ताल से जुड़ी पूरी 26.25 लाख डॉलर की फीस भी लौटा दी है। यह और बात है कि मिराच भारतीय समूह के तीनों होटलों की एकमुश्त खरीद के लिए 2.05 अरब डॉलर की पेशकश करना चाहती है।

    भारतीय मूल के सारांश शर्मा के नेतृत्व वाली मिराच कैपिटल ने कहा कि करीब एक साल से जेल में बंद सहारा प्रमुख सुब्रत राय को छुड़ाने के लिए समूह के प्रयासों के बीच मिराच सामने आई थी। लेकिनए 2.05 अरब डॉलर का फाइनेंसिंग से जुड़ा सौदा फर्जी पत्र विवाद में फंस गया। उसने कहा कि भारतीय समूह अनिच्छुक विक्रेता बना हुआ है।बयान जारी कर मिराच ने कहा कि उसने 26.25 लाख डॉलर की राशि सेबी-सहारा फंड को भेज दी है। साथ ही सहारा समूह को कर्ज देने का प्रस्ताव रद कर दिया है। इसमें विदेश में स्थित तीन होटलों के लिए समूह की ओर से बैंक ऑफ चाइना से लिए गए लोन को निवेशकों के नए समूह को ट्रांसफर किया जाना शामिल है।

    मिराच ने कहा है कि सहारा के साथ 10 दिसंबर, 2014 के करार के तहत वह कानूनी, अकाउंटिंग तथा लेनदेन संबंधी शुल्क सहारा से लेने की हकदार थी। लेकिन अपने ऊपर लगे निराधार आरोपों को देखते हुए पुरानी बातों को भुला नई शुरुआत करने के इरादे से धन लौटाया है। यह अलग बात है कि मामले में उस पर 10,75,000 डॉलर का खर्च आया है। लेकिन इसे लौटाने का मकसद सुप्रीम कोर्ट को यह दिखाना है कि अमेरिकी कंपनी लागत वहन करने को तैयार है। उसे 20 फरवरी को निष्पक्ष फैसले का इंतजार है। मालूम हो कि कोर्ट ने सहारा-मिराच सौदे को पूरा करने के लिए 20 फरवरी तक का समय दिया है।

    विवाद की शुरुआत-

    subrat roy sahara5भारतीय समूह ने मिराच पर उससे फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया था। यह विवाद बैंक ऑफ अमेरिका ‘बीओएफए‘ के एक फर्जी पत्र को लेकर शुरू हुआ। इसे सौदे की गारंटी के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश किया गया था। हाल ही बीओएफए ने साफ किया था कि उसका इस सौदे से लेनादेना नहीं है। इसी के बाद धोखेधड़ी की बात सामने आई थी।

    मिराच ने पलटवार करते हुए सहारा समूह पर आरोप लगाए कि जमानत के लिए अदालत की शर्त के बावजूद सहारा हमेशा से ही इन संपत्तियों की बिक्री करने का अनिच्छुक रहा है।

  • जमानत कराने का जादू सीखूंगा सलमान से: आसाराम

    जमानत कराने का जादू सीखूंगा सलमान से: आसाराम

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    asaram-salmanमुंबई। हिट एंड रन मामले में दोषी बॉलीवुड एक्टर सलमान खान पर रेप के आरोपी आसाराम बापू ने निशाना साधा है। उन्होंने यह निशाना सलमान खान को मिली जमानत पर साधा।

    रेप के मामले में सुनवाई के लिए कोर्ट आए आसाराम लंबे समय से जेल में बंद हैं। आसाराम की जमानत अर्जी कई बार खारिज हो चुकी है। जब सुनवाई के बाद जेल वापस जाते हुए आसाराम से सलमान की जमानत पर मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि उसे 20 मिनट में जमानत मिल गई, मैं 20 महीने से जेल में हूं।

    इसके बाद आसाराम ने यह तक कह दिया कि वो सलमान से नसीहत लेंगे कि किस तरह जमानत ली जाए। मैं सलमान से जादू सीखूंगा। लगता है हमने जमानत की स्पेलिंग में गलती कर दी।

  • Must Know- क्यों और कैसे हुआ काशी के कोतवाल कालभैरव का जन्म?

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    KAAL BHAIRAV OF KASHIकालभैरव को साक्षात भगवान शिव का दूसरा रूप माना जाता है। इस दूसरे रूप को विग्रह रूप के नाम से भी जाना जाता है। शिव की क्रोधाग्नि का विग्रह रूप माने जाने वाले कालभैरव का अवतरण मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी को हुआ था। माना जाता है कि कालभैरव की पूजा से घर में काली शक्तियों का वास नहीं होता। इसके अलावा इनकी पूजा से घर में नकारत्मक ऊर्जा, जादू-टोने, भूत-प्रेत आदि का भय नहीं रहता। कालभैरव का वर्णन शिव पुराण में भी मिलता है। इसमें लिखा है कि भैरव साक्षात शिव के ही दूसरे रूप हैं।

    कालभैरव के जन्म को लेकर एक बड़ी ही रोचक कथा है। एक बार देवताओं ने ब्रह्मा और विष्णु जी से बारी-बारी से पूछा कि जगत में सबसे श्रेष्ठ कौन है? तो उन दोनों ने स्वाभाविक रूप से खुद को ही श्रेष्ठ बताया लेकिन जब यह प्रश्न देवताओं ने वेदशास्त्रों से पूछा तो उत्तर कुछ और ही आया। उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ वही हो सकता है जिसके भीतर चराचर जगत, भूत, भविष्य और वर्तमान समाया हुआ हो, जो अनादि, अनंत और अविनाशी हो। यह सारे गुण केवल और केवल भगवान रूद्र में ही समाहित है, इसलिए सबसे श्रेष्ठ भगवान शिव ही हैं।

    वेद शास्त्रों से शिव के बारे में इतनी प्रशंसा सुनकर ब्रह्मा ने पांचवें मुख ने शिव की निंदा चालू कर दी। इससे वेद काफी दुखी हुए। इसी दौरान एक दिव्यज्योति के रूप में भगवान रूद्र प्रकट हुए। ब्रह्मा ने कहा कि हे रूद्र, तुम मेरे ही सिर से पैदा हुए हो और अधिक रुदन करने के कारण मैंने ही तुम्हारा नाम ‘रूद्र’ रखा है, अतः तुम मेरी सेवा में आ जाओ। ब्रह्मा के इस आचरण पर शिव को भयानक क्रोध आया और उन्होंने भैरव को उत्पन्न करके कहा कि तुम ब्रह्मा पर शासन करो।

    उन दिव्य शक्ति संपन्न भैरव ने अपने बाएं हाथ की सबसे छोटी अंगुली के नाख़ून से शिव के प्रति अपमान जनक शब्द कहने वाले ब्रह्मा के पांचवे सर को ही काट दिया। शिव के कहने पर भैरव काशी की ओर प्रस्थान कर गए जहां उन्हें ब्रह्म हत्या से मुक्ति मिली। इसके बाद भगवान रूद्र ने उन्हें काशी का कोतवाल नियुक्त कर दिया। काशी में आज भी कालभैरव को काशी के कोतवाल के रूप में पूजा जाता है। ऐसी भी पौराणिक धारणा है कि कालभैरव के दर्शन किए बिना काशी विश्वनाथ का दर्शन अधूरा माना जाता है।

    भगवान कालभैरव को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है।

    अतिक्रूर महाकाय कल्पान्तं दहनोपम्, भैरवं नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि

    इस मंत्र का रोजाना 11 बार जाप करने से बुरी शक्तियां आपसे दूर रहेंगी।

  • हिन्दुकुश पर्वत में फेंके थे ओसामा के शव के टुकड़े!

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    osama bi ladenवाशिंगटन। 9/11 के दोषी अलकायदा के प्रमुख ओसामा बिन लादेन को पाक में अमेरिकी सेना द्वारा हवाई हमले से मार गिराने के बाद लादेन के शव के टुकडों को समुद्र में नहीं फेंका गया बल्कि हिन्दुकुश पर्वत के ऊपर डाला गया। दरअसल ये दावा अमेरिका के एक खोजी पत्रकार सेमर हर्श ने किया है।

    पुलित्जर पुरस्कार विजेता सेमर हर्श ने दावा किया है कि अमेरिकी सरकार की ओसामा को उचित इस्लामी तरीके से दफनाए जाने की बात गलत है और अमेरिकी विमान वाहक पोत यूएसएस कार्ल विन्सन पर उसका शव ले जाकर समुद्र में नहीं फेंका गया। हालांकि अमेरिका ने हर्श के दावों को गलत बताते हुए खारिज कर दिया है। हर्श ने कहा कि घटना के कुछ ही हफ्तों के बाद विशेष अभियान कमान से लंबे समय से जुड़े दो सलाहकारों ने उन्हें बताया कि कार्ल विन्सन पर अंत्येष्टि नहीं हुई थी।

    आपको बता दें कि हर्श ने अपने लेख के ज्यादातर दावे एक रिटायर्ड वरिष्ठ अमेरिकी खुफिया अधिकारी के हवाले से किए हैं जिन्हें पाकिस्तान के ऐबटाबाद में ओसामा के होने की खुफिया जानकारी के बारे में पता था।

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