अगर जन्म हुआ है तो मृत्यु अवश्यमभावी है। अंड और पिंड से बने इस ब्रहांड में आत्मा को वेदों ने अमर बताया है। कहा गया है कि शरीर नश्वर है। आत्मा इसे ऐसे बदलती है जैसे हम कपड़ा पुराना हो जाने पर नया कपड़ा धारण कर लेते हैं।
सृष्टि का यह नियम है कि जो यहां जन्मा है उसे एक न एक दिन शरीर छोड़कर वापस परलोक जाना है, यानी उसकी मृत्यु तय है। मृत्यु के विषय में पुराणों में जो बातें बताई गयी हैं उसके अनुसार
हर व्यक्ति के साथ मृत्यु के सयम यह 10 बातें जरूर होती हैं।
1. जब किसी व्यक्ति को पानी में, तेल या दर्पण में अपनी छवि नही दिखे या फिर परछाई विकृत दिखाई देने लगे तो ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति के शरीर त्यागने का समय नजदीक आ चुका है।
2. मृत्यु के नजदीक आने पर व्यक्ति की आंखों की रोशनी खत्म हो जाती है और उसे अपने आस.पास बैठे लोग भी नजर नहीं आते।
3. जीवन में जो भी अच्छे या बुरे कर्म किए हैं वह सारे कर्म व्यक्ति की आंखों के सामने से इस प्रकार गुजरते हैं जैसे किसी फिल्म को आप उलटा देख रहे हों यानी जीवन के अंतिम कर्म से लेकर जन्म तक की सभी घटनाएं आंखों के सामने तैरती चली जाती है।
4. जिनके कर्म अच्छे होते हैं उन्हें अपने सामने एक दिव्य प्रकाश नजर आता है और व्यक्ति मृत्यु के समय भी भयभीत नहीं होता।
5. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जब मृत्यु की घड़ी निकट आती है तो यम के दो दूत मरने वाले प्राणी के सामने आकर खड़े हो जाते हैं।
6. शरीर त्याग करने के अंतिम समय में व्यक्ति की आवाज भी खत्म हो जाती है और वह बोलने की कोशिश करता है लेकिन बोल नहीं पाता है। आवाज घरघराने लगती है जैसे किसी ने गला दबा रखा हो।
7. आत्मा जीवन की सभी घटनाओं को यानी कर्मों को अपने साथ लेकर शरीर को त्याग देती है और यमदूत व्यक्ति के अभौतिक शरीर को अपने साथ लेकर यमराज के दरबार की ओर ले जाते हैं।
8. जिनके कर्म अच्छे नहीं होते हैं उन्हें अपने सामने यम के भयंकर दूत खड़े दिखते हैं और वह भयभीत होता रहता है।
9. व्यक्ति के मृत्यु के बाद पापी मनुष्य को ढाई मुहूर्त में यानी लगभग 24 घंटे में यमदूत वायुमार्ग से यमलोक ले जाते हैं। उसे ऐसे मार्ग से यमपुरी ले जाया जाता है जिस पर चलते समय उसे काफी तकलीफों से गुजरना होता है। यमपुरी में यमराज व्यक्ति के कर्मों का लेखा-जोखा करते हैं इसके बाद यमदूत वापस व्यक्ति की आत्मा को लेकर पृथ्वी पर आते हैं।