हम आपको धनतेरस पर पूजन की बहुत ही सरल विधि बता रहे हैं, जिसके द्वारा आप अपने घर या व्यापारिक प्रतिष्ठान पर स्वयं ही पूजन (धन-धान्य वृद्धि एवं सुख-शांति के लिए) कर सम्पूर्ण लक्ष्मी-कुबेर पूजन का फल प्राप्त कर सकते हैं।
दीपावली से पहले धनतेरस पर पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन धन और आरोग्य के लिए भगवान धन्वंतरि, महादेव महामृत्युंजय शिव और देवी महालक्ष्मी की पूजा की जाती है, साथ में धन को कमाने और उसके सदुपयोग की सद्बुद्धि के लिए गायत्री माता और भगवान गणेश के मन्त्रों से पूजा की जाती है।
दीपावली पांच श्रृंखलाबद्ध पर्वों का महापर्व है। सभी लोग चाहते हैं कि इस महान पुण्य अवसर पर उनके यहां सुयोग्य पुरोहित पूजन-अर्चन कराए। लेकिन, कई बार ऐसा संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में आप स्वयं भी विधि-विधान से पूजन कर सकते हैं। इसके लिए हम आपको धनतेरस पर पूजन की बहुत ही सरल विधि बता रहे हैं, जिसके द्वारा आप अपने घर या व्यापारिक प्रतिष्ठान पर स्वयं ही पूजन (धन-धान्य वृद्धि एवं सुख-शांति के लिए) कर सम्पूर्ण लक्ष्मी-कुबेर पूजन का फल प्राप्त कर सकते हैं।
2- गणेश आवाहन मन्त्र- ॐ एक दन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो दंती प्रचोदयात।।
3- लक्ष्मी आवाहन मंत्र- ॐ महा लक्ष्म्यै विद्महे, विष्णु प्रियायै धीमहि। तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्।।
4- दीपदान मंत्र ( कम से कम 5 या 11 या 21 घी के दीपकों को प्रज्वलित करें। साथ ही एक 9 बत्तियों वाला दीपक पूजाघर में जलेगा जो देसी घी का रहेगा- ॐ अग्निर्ज्योतिर्ज्योतिरग्नी: स्वाहा। सूर्यो ज्योतिर्ज्योतिः सूर्यः स्वाहा। अग्निर्वर्च्चो ज्योतिर्वर्च्चो स्वाहा। सूर्यो वर्च्चो ज्योतिर्वर्च्च: स्वाहा। ज्योतिः सूर्य्यः सूर्यो ज्योतिः स्वाहा।।
5– चौबीस (24) बार गायत्री मंत्र का जप करें- ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् , भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् ।
6- ग्यारह (11) बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करें- ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टि वर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
7- इक्कीस (21) बार लक्ष्मी गायत्री मंत्र का जप करें- ॐ महा लक्ष्म्यै विद्महे, विष्णु प्रियायै धीमहि। तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्॥
8- इक्कीस (21) बार गणेश मंत्र का जप करें- ॐ एक दन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो दंती प्रचोदयात्॥
9- एक सौ आठ (108) बार कुबेर का मंत्र जप करें- ॐ यक्ष राजाय विद्महे, वैश्रवणाय धीमहि, तन्नो कुबेराय प्रचोदयात्॥
10- इक्कीस (21) बार आरोग्य देवता धन्वन्तरि गायत्री मन्त्र का जप करें- ॐ तत् पुरुषाय विद्महे, अमृत कलश हस्ताय धीमहि, तन्नो धन्वन्तरि प्रचोदयात।
11- शान्तिपाठ – ॐ शांतिः शांतिः शांतिः।
नोट : संभव हो तो घर में बना हलवा या खीर प्रसाद मे चढ़ाएं।
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