Bareilly. सम्पूर्ण भारत वर्ष में मकर संक्रान्ति का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, इसलिए इसे मकर संक्रांति कहा जाता है।

सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर उसकी किरणों से अमृत की बरसात होने लगती है। इस दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं। इसलिए मकर संक्रांति पर सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसे में अगर भाषा व उच्चारण शुद्ध हो तो आदित्य ह््रदय स्तोत्र का पाठ अवश्य करें तो यह अत्यन्त शुभ फलदायक रहेगा।

कहते हैं अगर मकर संक्रांति पर विशेष 5 सूर्य मंत्र का जाप किया जाए तो लाभ ही लाभ होता है। आज हम आपको इन मंत्रों के बारे में बता रहे हैं। इनमें से जो भी मंत्र आप पढ़ना चाहें, उसका जाप कर सकते हैं। मंत्रों का जाप करते समय अपनी मनोकामना भी मन ही मन स्मरण करते रहें। इससे भगवान सूर्य नारायण आपकी मनोकामना पूरी कर देंगे।

यह हैं 5 मंत्र

ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।

ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।

ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।

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