photo साभार:social mediaphoto साभार:social media

Narak Chaturdashi 2021:दीपावली के एक दिन पहले नरक चतुर्दशी का पर्व मानाया जाता है। नरक चतुर्दशी का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण, हनुमान जी,यमराज और मां काली के पूजन का विधान है। इसे छोटी दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। इसके साथ ही इस दिन रूप चौदस और काली चौदस जैसे कई त्योहारों का आयोजन होता है। इस साल नरक चतुर्दशी का पर्व 03 नवंबर को मानाया जाएगा। आइए जानते हैं इस दिन मनाए जाने वाले पर्वों और पूजन के विधान के बारे में…

1-नरक चतुर्दशी – पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था। उसके नाम पर ही इस दिन को नरकचौदस के नाम से जाना जाता है। इस दिन नरक की यातनाओं की मुक्ति के लिए कूड़े के ढेर पर दीपक जलाया जाता है।

2- हनुमान जंयती – रामायण की कथा के अनुसार हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास चतुर्दशी पर स्वाति नक्षत्र में हुआ था। इस मान्यता के अनुसार इस दिन हनुमान जंयती मनाई जाती है। हालांकि कुछ और प्रमाणों के आधार पर हनुमान जयंति चैत्र पूर्णिमा के दिन भी माना जाता है।

3- रूप चौदस – नरक चतुर्दशी को रूप चौदस भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन तिल के तेल से मालिश करके, स्नान करने से भगवान कृष्ण रूप और सौन्दर्य प्रदान करते हैं। इसके साथ ही नहाते समय पानी में चिरचिरा के पत्ते डालने चाहिए।

4- यम दीपक- पौराणिक मान्यता के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन मृत्यु के देवता यमराज के नाम से आटे का चौमुखी दीपक जलाया जाता है। ऐसा करने से यमराज अकाल मृत्यु से मुक्ति प्रदान करते हैं तथा मृत्यु के बाद नरक की यातनाएं नहीं भोगनी पड़ती हैं। इस दीपक को यम दीपक कहा जाता है।

5- काली चौदसी- नरक चतुर्दशी के दिन मध्य रात्रि में मां काली का पूजन करने का विधान है। इसे बंगाल प्रांत में काली चौदस कहा जाता है।

सूचना/ डिसक्लेमर

‘इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।’

साभार: jagran.com

By vandna

error: Content is protected !!