देवशयन एकादशी से देवउठनी एकादशी के बीच के चार महीने स्वास्थ्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण माने गए हैं। बेहतर स्वास्थ्य के लिए विविध प्रकार के व्रत, उपवास, पूजा और अनुष्ठान का विधान है। चार्तुमास ईश वंदना का विशेष पर्व है। चार्तुमास में व्रत के दौरान कई बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। ज्योतिषाचार्य पंडित दिनेश पवन के अनुसार श्रावण मास में शाक, भाद्रपद महीने में दही, अश्विन महीने में दूध और कार्तिक माह में दाल का सेवन नहीं करना चाहिए।
इसके धार्मिक कारणों के साथ ही वैज्ञानिक कारण भी हैं। इन दिनों बरसात के मौसम के चलते विभिन्न कीटों का प्रादुर्भाव होता है। विभिन्न शाक और वनस्पतियों में इन कीटों का प्रकोप रहता है। ऐसे में इनका सेवन अनेक रोगों का कारण बनता है।
इसी तरह चार्तुमास का व्रत करने वाले व्यक्तियों को मांस, मधु, शैया, शयन का त्याग करना चाहिए। साथ ही स्वस्थ रहने के लिए गुड़, तेल, दूध दही और बैगन भी नहीं खाना चाहिए। चार्तुमास में भगवान विष्णु की आराधना विशेष रूप से की जाती है। इस अवधि में पुरुष सूक्त, विष्णु सहस्त्रनाम अथवा भगवान विष्णु के विशेष मंत्रो के द्वारा उनकी उपासना करनी चाहिए।
देवशयन एकदशी पर भगवान विष्णु के विग्रह को पंचामृत से स्नान कराकर चन्दन, धूप-दीप आदि से पूजन करना चाहिए। उसके बाद चांदी, पीतल आदि की शय्या पर बिस्तर बिछाकर उस पर पीले रंग का रेशमी कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु को शयन करवाना चाहिए।
पौराणिक आख्यानों के अनुसार आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु क्षीर सागर में शयन करने चले जाते हैं और कार्तिक शुक्ल एकादशी को उनका जागरण होता है। संस्कृत साहित्य में हरिः शब्द भगवान विष्णु, सूर्य, चन्द्र और वायु के लिए विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है इस समय प्रमुख शक्तियां सूर्य, चन्द्र, वायु आदि मंद पड़ जाते हैं और वातावरण में इनसे प्राप्त होने वाले तत्वों की कमी विज्ञान की दृष्टि से भी सिद्ध होती है।
चर्तुमास की शुरुआत गुरुपूजन से होती है। जब लोग अपने गुरू या गुरुतुल्य व्यक्तियों के पास जाकर चौमासे में दिनचर्या एवं पूजा-पाठ और खान-पान के नियम रखने की आज्ञा लेते हैं। इस बार की विशेष बात यह है कि गुरु पूर्णिमा वाले दिन खग्रास चन्द्र ग्रहण दिनांक 27जुलाई 2018 को रात 11ः54 मिनट से लग रहा है। अतः इस ग्रहण का सूतक दोपहर 2ः54 बजे से लगेगा। इससे पूर्व गुरु पूर्णिमा के पूजा से संबंधित सारे कार्य सूतक लगने से पहले सम्पन्न किए जाएंगे।
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