नई दिल्ली। यूएफओ साइटिंग्स डेली के संपादक स्कॉट सी वारिंग का कहना है कि ‘नासा’ मंगल ग्रह पर बंदर जैसी आकृति वाली तस्वीरों के रहस्य से पर्दा नहीं उठा रही है। अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा सत्य को छिपा रही है‘।
स्कॉट ने नासा की तरफ से जारी तस्वीरों के साथ कई महीने बिताए और इसके बाद दावा किया कि यह मृत लोगों के अवशेष, मंगल गृह पर निवास करने वाली बुद्धिमान सभ्यता के सबूत जैसे की बिल्डिंग, मूर्तियां और कलाकृति आदि हो सकती हैं। उनकी खोज में कथित तौर पर भालू, चूहा, केकड़ा, बिच्छू, जीवाश्म, पिरामिड की संरचना और चित्रलिपि तथा चट्टान में नक्काशी की गई कलाकृति होने के सबूत भी मिले हैं। लेकिन, उनकी हालिया रिलीज ऑब्जेक्ट में उन्होंने सिर्फ बंदर होने का दावा किया है।
उनका कहना है कि एक बंदर चट्टान पर बैठा हुआ दिखाई दे रहा है। इससे पहले ऐसा नहीं देखा गया। स्कॉट का कहना है कि वह नहीं जानते की यह कैसे संभव है? लेकिन, वह इसके बारे में पता लगाएंगे। उनका कहना है कि तस्वीर में पहाड़ी की तरफ बंदर की आकृति जैसा जीव बैठा साफ दिखाई दे रहा है।
जीववैज्ञानिक और भूवैज्ञानिक इस तरफ ध्यान क्यों नहीं दे रहे हैं? वह इसे क्यों नहीं देख रहे हैं? उनका कहना है कि अब इस बात के पुख्ता सबूत मिल गए हैं की मंगल पर जीवन की संभावना है। उन्होंने कहा कि जितने सबूत मैंने पाए हैं, उतना ही नासा के लिए मेरी रिस्पेक्ट कम हुई। उनका कहना है कि जब नासा इस बात का पता लगा सकती है तो फिर लोगों से सत्य को क्यों छिपाया जा रहा है।