Science & Technology Desk: 65.5 करोड़ साल पहले, एक Asteroid हमारी पृथ्वी से टकराया, जिसकी वजह से महा सर्वनाश हुआ और डायनासोर समेत 75% प्रजातियां विलुप्त हो गई थीं।
एक नया शोध इस Asteroidके प्रक्षेप पथ के बारे में बताता है, जिससे हमें ये जानने में मदद मिलेगी कि उस टक्कर से हमारे ग्रह पर क्या प्रभाव पड़ा। शोध से पता चलता है कि इस Asteroid के टकराव के कोण की वजह से पृथ्वी पर रहने वाले जीवों के लिए बेहद खतरनाक परिणाम सामने आए।
वर्तमान में मैक्सिको में 200 किलोमीटर चौड़ा चिक्सुलब क्रेटर तब बना था जब Asteroid पृथ्वी से टकराया था। इसका परिणाम ये हुआ कि पृथ्वी पर जीवन का तीन-चौथाई हिस्सा खत्म हो गया था। ज्यादातर वैज्ञानिक इस तथ्य से सहमत हैं। लेकिन उस प्रभाव के प्रक्षेप पथ और दिशा अभी भी बहस का विषय हैं।
कंप्यूटर सिमुलेशन के साथ क्रेटर साइट पर जांच किए जाने पर पता चलता है कि, Asteroid 60 डिग्री के झुकाव पर क्रस्ट में धंसा था। मेक्सिको में चिक्सुलब क्रेटर, जहां Asteroid टकराया, वहां एक नए अध्ययन से पता चलता है कि टकराव का कोण और गति शायद सही रेंज में थे, जिसकी वजह से वाष्प के बादल आसमान में फैल गए।
जब कोई Asteroid किसी ग्रह से टकराता है, तो उससे होने वाला गड्ढा टकराव के कोण पर ज्यादा निर्भर करता है। इंपीरियल कॉलेज लंदन के गैरेथ कॉलिंस और उनके सहयोगियों ने उस टकराव को फिर से बनाने के लिए भूवैज्ञानिक आंकड़ों के साथ चिक्सुलब क्रेटर पर किए गए सिमुलेशन सेट की तुलना की।
कोलिन्स ने कहा- ‘शुरुआती टक्कर से जमीन में एक एक विशाल छेद हो गया, जो बाद में ढह गया। और उससे ऐसा बड़ा ओवरशूट बन गया, वैसा जैसे तालाब में कंकड़ फेंकने पर बन जाता है। इस ओवरशूट में, छेद का मध्य भाग वापस ऊपर उछलता है और गड्ढे के केंद्र में एक पठार बनाता है।’
Chicxulub की टक्कर के सिमुलेशन में, केंद्रीय पठार उस दिशा की ओर झुका हुआ था, जहां से Asteroid आया था। हालांकि वो कितना झुका हुआ वो उसके टकराव के कोण पर निर्भर करता है।
अध्ययन के अनुसार, 3D सिमुलेशन में दिखाया गया है कि Asteroid 40 से 60 डिग्री के कोण पर टकराया, जिसे इंपीरियल कॉलेज लंदन के पृथ्वी विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के ग्रह विज्ञान प्रोफेसर गैरेथ कॉलिंस ने डायनासोर के लिए सबसे खराब स्थिति के रूप में वर्णित किया है।
मंगलवार को नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित स्टडी के मुख्य लेखक कॉलिंस ने कहा- ‘Asteroid के हमले की वजह से वायुमंडल में जलवायु को परिवर्तित करने वाली गैस फैल गई, और फिर घटनाओं की एक श्रृंखला शुरू हुई जिससे डायनासोर विलुप्त हो गए। और यह उस तथ्य को साबित करता है कि यह टक्कर सबसे घातक संभव कोण की वजह से हुई थी।’
उन्होंने कहा- ‘हम जानते हैं कि ये टक्कर की सबसे खराब स्थिति थी क्योंकि इसकी वजह से ऊपरी वायुमंडल में बेहद खतरनाक मलबा पहुंचा और हर जगह बिखर गया।’
इस तरह की टक्कर से अरबों टन सल्फर और अन्य गैसें वायुमंडल में फैल जाती हैं, जो सूर्य की किरणों को रोक देती हैं और नतीजतन पृथ्वी का मौसम असमान्य रूप से ठंडा हो जाता है।
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