Science & Technology Desk: चाहे बेहतरी के लिए हो या फिर बुरे के लिए वैज्ञानिक हैरान करना कभी नहीं छोड़ते। जो साल लगता था कि Corona virus महामारी के चलते सबसे बुरा साल है, उसी साल वैज्ञानिकों ने ऐसा कर दिखाया है जो लोगों की सोच से परे है। जापान की एजेंसी फॉर मैरीन अर्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की एक टीम ने कामयाबी से समुद्र की सतह पर पड़े उन सूक्ष्मजीवों को पुनर्जीवित कर लिया है जो डायनासोर युग के हैं।
जब सूक्ष्मजीव पुनर्जीवित किए गए तो वो भोजन करने के साथ-साथ प्रजनन करने में भी समर्थ थे। सूक्ष्मजीव भोजन या ऑक्सीजन के बिना भी लाखों साल तक जीवित रह सकते हैं और कभी-कभी इसी वजह से उन्हें इस ग्रह की सबसे आदिम जाति माना जाता है। इन्हीं विशेषताओं की वजह से वैज्ञानिक सफलतापूर्वक उन्हें लेबोरेटरी कंडीशन में जीवन में वापस लाए।
इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिकों ने 100 मिलियन साल पहले के तलछट के नमूनों (Sediment Samples) का विश्लेषण किया, जो दक्षिण प्रशांत महासागर की सतह पर सुप्तावस्था में पड़े थे। इस क्षेत्र में सबसे कम पोषक तत्व पाए जाते हैं। तभी तो जो नतीजे मिले हैं वो चौंकाने वाले हैं क्योंकि ये इलाका इतने लंबे समय तक जीवन को नहीं बनाए रख सकता। इन सभी सूक्ष्मजीवों को सेने की कोशिशों के बाद उनमें से लगभग सभी वापस अपने जीवन में लौट आए।
स्टडी के लीड ऑथर युकी मोरोनो ने बताया कि नतीजे मिलने के बाद वो अपनी खोजों को लेकर संदेह में थे। कई लोगों को लगा कि ये किसी गलती की वजह से हो सकती है या एक एक्सपेरिमेंट फेलियर है। हालांकि ये इनमें से कुछ नहीं था, वो सफलतापूर्वक सूक्ष्मजीवों को उनकी गहरी नींद से वापस ले आए। मोरोना के मुताबिक, ‘अब हम जानते हैं कि समुद्र की सतह पर रहने वाले जीवमंडल में जीवों की कोई उम्र सीमा नहीं है।’
इन सूक्ष्मजीवों को समुद्र की सतह में ड्रिल से छेद करके खोजा गया था, जिसने सबसे पुराने तलहट में एक छेद खोल दिया। इस स्टडी के एक और ऑथर के मुताबिक, ‘ना के बराबर भोजन के बावजूद वहां अभी भी जीव रहते हैं और वो जग सकते हैं, विकास कर सकते हैं और प्रजनन कर सकते हैं।’
उन्होंने आगे कहा कि लेकिन सूक्ष्मजीव इतने समय तक बचे कैसे रहे? ऑक्सीजन! तलछट में फंसी ऑक्सीजन की वजह से ये सूक्ष्मजीव बिना किसी और चीज की आवश्यकता के लाखों सालों तक जी सकते हैं। धरातल पर रहने वालों की तुलना में समुद्री सतह पर रहने वाले सूक्ष्मजीवों को वैसे भी कम ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।
हालांकि जीवन को बरकरार रखने के लिए ये कोई आदर्श दशा नहीं थी इसीलिए वैज्ञानिकों के लिए ये नतीजे बेहद चौंकाने वाले हैं। इससे पहले भी की गई स्टडीज से पता चला है कि बैक्टीरिया दुनिया के सबसे ना रहने योग्य जगहों पर भी रह सकते हैं, यहां तक कि उन क्षेत्रों में भी जहां ऑक्सीजन की कमी है।
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