Science & Technology Desk: आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की तारों की भी ‘Expiry date’ होती है, ब्रह्मांड की बाकी चीजों की तरह एक दिन वो भी मर जाते हैं, नष्ट हो जाते हैं, एक दिन ऐसा भी आएगा, जब सूर्य भी काम करना बंद कर देगा।
जब तारे मरते हैं तो एक बड़ा सा विस्फोट होता है, जिसे सुपरनोवा कहा जाता है। तारे अक्सर ईंधन की कमी की वजह से गुरुत्व के भार से ढह जाते हैं, जिससे एक बड़ा विस्फोट होता है। इसके अतिरिक्त उनमें से कुछ तारे ब्लैकहोल में बदल जाते हैं।
तारों की मौत के ये 2 तरीके होते हैं। अधिकांश तारे अपना जीवन चक्र पूरा करने के बाद एक सफेद बौनों में बदल जाते हें, जिससे ‘कोर’ का पता चलता है कि ये कभी तारा हुआ करता था। खगोलविदों का दावा है कि यही ‘कोर मैटीरियल’ सभी जीवित रूपों में सबसे महत्वपूर्ण घटक होता है।
‘’मैग्नेटर SGR 1935+2154 के रेडियो उत्सर्जन से संबंधित एक विस्फोट की अभिन्न खोज’’, एस मेरेगेट्टी एट अल ने ये डाटा रिकॉर्ड किया और अध्ययन किया, हाल ही में एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लैटर्स में छपा। हाल ही में एक टेलीस्कोप आधारित ग्लोबल कोलोब्रेशन रिसर्च में पाया गया कि एक मरा हुआ तारा असमान्य ढंग से आकाशगंगा में विकिरण का मिश्रण छोड़ रहा है। ऐसा इससे पहले कभी नहीं देखा गया है।
विकिरण में 2 घटनाएं शामिल होती हैं, मैग्नेटर्स और फास्ट रेडियो बर्स्ट्स। मैग्नेटर्स का मतलब तारों के अवशेषों से है जो दुनियां के सबसे तीव्र चुम्बकीय क्षेत्रों का घर होता है। एक बार सक्रिय होने पर मैग्नेटर्स उच्च मात्रा में ऊर्जा प्राप्त करने वाले विकिरण को छोड़ते हैं, जोकि एक सेकंड से भी कम समय तक रहता है लेकिन सूर्य़ से भी ज्यादा ऊर्जा पैदा करता है।
फास्ट रेडियो बर्स्ट्स लहरों की तरह होते हैं, जो दिखाई देते हैं और गायब हो जाते हैं। ये ज्यादातर कुछ मिली सेकंड्स के समय में ही खत्म हो जाते हैं, ये पहली बार 2007 में खोजे गए थे। गायब होने के बाद इनको देखना दुर्लभ ही होता है।
अप्रैल के महीने में वैज्ञानिकों को एक विलक्षण चीज दिखाई दी, एक मेग्नेटर जो 6 साल पहले ही लॉग किया जा चुका था था, अचानक फिर से सक्रिय होने के संकेत देने लगा। इसका आधिकारिक नाम है ‘SGR 1935+2154’। हालांकि एक आम मेग्नेटर के विपरीत ये एक्स रेज के साथ रेडियो वेब्स उत्सर्जित कर रहा था।
संक्षेप में, ये मेग्नेटर और एफआरबी के अनसुलझे रहस्यों को पकड़ सकता है। इस साल तक, किसी भी मेग्नेटर से रेडियो वेब्स उत्सर्जित नहीं हुई हैं, या कम से कम रिकॉर्ड में तो नहीं हैं।
इस नई खोज के को पूरी दुनियाभर के अलग अलग स्पेस स्टेशंस ने पुष्ट किया है। इससे पहली बार मेग्नेटर्स और एफआरबी के बीच एक साइंटिफिक लिंक मिला है, जो अब तक अलग अलग माने जाते थे। वैज्ञानिकों को लम्बे समय से संदेह था कि मेग्नेटर्स से फास्ट रेडियो बर्स्ट्स पैदा होते हैं, जो कि विस्फोट के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं, जिससे बेहद ज्यादा प्रकाश निकलता है।
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