टोक्यो। टोक्यो पैरालंपिक में भारत ने शनिवार को एक और स्वर्ण पदक जीत लिया। सवरे पहला सोने का तमगा निशानोबाजी में आया था तो दूसरा तमगा बैडमिंटन में मिला। यह इस पैरालंपिक में भारत का ,चौथा स्वर्ण पदक है और इसे जीतने का गौरव प्राप्त किया प्रमोद भगत ने। उन्होंने SL3 कैटेगरी के फाइनल में ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को 21-14, 21-17 से हराया। इसी कैटेगरी में ही भारत के मनोज सरकार ने कांस्य पदक प्राप्त किया। उन्होंने तीसरे स्थान के लिए हुए मुकाबले में जापान के दाइसुके फॉजीहारा को 22-20, 21-13 से हराया। आपको याद होगा कि आज ही शूटिंग में एसएच-1 कैटेगिरी के 50 मीटर एयर पिस्टल मुकाबले में मनीष नरवाल ने सोना और सिंहराज अधाना ने चांदी जीती थी।
पहली बार पैरालिंपिक में शामिल बैडमिंटन में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। प्रमोद के अलावा एसएल-4 में सुहास यथिराज और एसएच-6 कैटगिरी में भी कृष्णा नागर फाइनल में पहुंच कर मेडल पक्का कर चुके हैं। कृष्णा ने सेमीफाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के वर्ल्ड नंबर -5 क्रिस्टन कूंब्स को 21-10, 21-11 से हराया। इसके साथ ही उन्होंने बैडमिंटन में देश के लिए कम से कम तीसरा सिल्वर मेडल पक्का कर लिया। इसके साथ ही तीन खिलाड़ी बैडमिंटन के फाइनल में पहुंचे हैं।
क्या होती है एसएल-3 कैटगरी
SL3 कैटेगरी में बैडमिंटन खिलाड़ी स्टैंडिंग पॉजिशन में खेलते हैं। हालांकि, उनके एक या दोनों पैर में गंभीर कमजोरी होती है।
क्या होती है एचएच-6 कैटेगरी
एचएच-6 कैटेगरी में वह खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं जिनकी लंबाई नहीं बढ़ती। कृष्णा को इस बारे में तब पता चला वह महज दो साल के थे। उन्होंने खुद को पूरी तरह खेल को समर्पित कर दिया। वह हर रोज घर से 13 किमी दूर स्टेडियम जाकर ट्रेनिंग किया करते जिसका फल उन्हें अब मिल रहा है।