अन्नदाता की पीड़ा : मजबूर किसानों ने आलू से पाट दिया सड़क का किनारा
शरद सक्सेना, आंवला (बरेली)। सरकार मुझे आप अन्नदाता कहते हो। मैं धरती का सीना चीरकर लोगों के क्षुधापूर्ति के लिए अन्न उगाता हूं। लेकिन मेरे ही परिवार के सामने रोटी…
शरद सक्सेना, आंवला (बरेली)। सरकार मुझे आप अन्नदाता कहते हो। मैं धरती का सीना चीरकर लोगों के क्षुधापूर्ति के लिए अन्न उगाता हूं। लेकिन मेरे ही परिवार के सामने रोटी…