वे सबक जो बन गए राह की रोशनी
अक्टूबर के शुरुआती दिनों की वह शाम शरद ऋतु की दस्तक का एहसास कराने लगी थी। करीब 11 किलोमीटर मोपेड चलाकर दैनिक जागरण पहुंचने के बाद बैग को डेस्क पर…
अक्टूबर के शुरुआती दिनों की वह शाम शरद ऋतु की दस्तक का एहसास कराने लगी थी। करीब 11 किलोमीटर मोपेड चलाकर दैनिक जागरण पहुंचने के बाद बैग को डेस्क पर…