जन्मदिन विशेष : “शोले” के ठाकुर प्रसिद्ध अभिनेता संजीव कुमार की कुछ खास यादें
दिल ढूंढता है फिर वहीं फुरसत के रात दिन, खिलौना जानकर तुम तो मेरा दिल तोड जाते हो या फिर ठाकुर न झुक सकता न टूट सकता है… ऎसी कुछ…
दिल ढूंढता है फिर वहीं फुरसत के रात दिन, खिलौना जानकर तुम तो मेरा दिल तोड जाते हो या फिर ठाकुर न झुक सकता न टूट सकता है… ऎसी कुछ…