खुदकुशी की खबर से परिजनों का हाल बेहाल, हर काई स्तब्ध
बदायूं @BareillyLive. बदायूं जिल के कस्बा उझानी के युवा मैंथा कारोबारी ने बदायूं में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। बताते हैं कि बीते कई सालों से उसे व्यापार में लगातार घाटा हो रहा था। इसी कारण उस पर देनदारी बढ़ती जा रही थी। सूचना पर पहुंची पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने शव को अपने कब्जें में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया है। युवक के आत्महत्या करने से परिवार में कोहराम मचा है।
बदायूं जिले के कस्बा उझानी के मोहल्ला भदवारगंज पुरानी अनाज मंडी निवासी गल्ला आढ़ती महेन्द्र गुप्ता का पुत्र संजय गुप्ता उर्फ अप्पू बदायूं में इन्द्रचौक के समीप मनीष जैन के मकान में मैंथा का कारोबार करता था। सोमवार को सुबह अप्पू अपने घर से बदायूं जाने की कहकर निकला। इस बीच दोपहर उसके परिजन ने उसे फोन किया लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। कई फोन के बाद भी जवाब नहीं मिलने पर परिजन बदायूं स्थित उसके कारोबार स्थल पर पहुंचे। जहां संजय का गोली लगा खून से लथपथ शव पड़ा देख उनके होश उड़ गए। परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों से पूछताछ कर पड़ताल शुरू कर दी।
पुलिस को शव के पास में पिस्टल पड़ी मिल गई। पुलिस के अनुसार प्रथमदृष्टया मामला आत्महत्या का लग रहा है। कुछ ही देर में एसएसपी डा. ओपी सिंह मौके पर पहुंचे। एसएसपी के निर्देश पर पुलिस ने फॉरेंसिक टीम को बुला लिया जिसने घटना स्थल के नमूने लिये। युवा व्यापारी की मौत की खबर जब उझानी नगर में उसके परिजनों एवं समर्थकों को लगी तो कोहराम मच गया।
मौके पर मिला सुसाइड नोट, कई लोगों द्वारा परेशान करने के संकेत
बदायूं। मैंथा कारोबारी संजय गुप्ता अप्पू ने अपनी मौत से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा था जिसमें रुपयों के लेन-देन में कई लोंगो द्वारा परेशान करने का जिक्र किया है। सुसाइड नोट को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। एसएसपी ने बताया कि परिजनों ने अभी तहरीर नहीं दी है। तहरीर मिलने पर जांच कराएंगे।
कई सालों से कारोबार में हो रहा था नुकसान
बदायूं। उझानी नगर में हो रही चर्चाओं को मानें तो संजय गुप्ता को पिछले कई सालों से कारोबार में नुकसान हो रहा था। इससे उस पर कई लोगों की देनदारियां थी। इसी वजह से लोग उसे परेशान कर रहे थे।
हंसमुख था संजय उर्फ अप्पू
बदायूं। युवा मैंथा व्यापारी संजय गुप्ता उर्फ अप्पू बेहद हंसमुख किस्म का युवक था। तमाम परेशानियों के बाबजूद वह स्वयं को डिप्रेशन में नही आने देता था। हमेशा लोगों से भी हंसकर मिलता था। उसकी मौत की खबर सुनकर उसे जानने वाले हैरान और परेशान हैं कि ऐसे हंसमुख युवक ने आत्महत्या करने की हिम्मत कैसे जुटाई होगी?
-बदायूं से विष्णुदेव चांडक की रिपोर्ट