लखनऊ।  उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विधायलयों के शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों की वेतन वृद्धि का तरीका बदला जा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए कॉर्पोरेट अप्रेजल सिस्टम लागू करने का फैसला किया है। यानी अब न केवल अपना काम पूरी जिम्मेदारी से करना होगा बल्कि इसको दिखना भी होगा यानी प्रस्तुति देनी होगी।

यह नया सिस्टम लागू होने के बाद शिक्षकों को वेतन वृद्धि और पदोन्नति के लिए कॉर्पोरेट सिस्टम की तरह प्वाइंट्स अर्जित करने होंगे।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी प्राइमरी स्कूल शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों को 15 अप्रैल, 2021 तक एक सेल्फ इवैल्युएशन फॉर्म भरने के लिए कहा है। मानव संपदा पोर्टल पर जाकर यह फॉर्म ऑनलाइन भरना है।

फॉर्म में क्या है?

इस फॉर्म में 9 मानक दिए गए हैं, जिसके आधार पर शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को अंक मिलेंगे। फिर कुल अंकों के आधार पर वेतन बढ़ाया जाएगा। इस फॉर्म में शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के लिए 7 मानक लिए समान हैं। प्रधानाध्यापकों के लिए 2 दो मानक अलग हैं। उदाहरण के लिए प्रधानाध्यपकों को यह जानकारी देनी होगी कि कायाकल्प योजना के तहत विद्यालय में इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड व अन्य सुविधाएं दी गई हैं या नहीं। अगर योजना में बताई गई सभी 14 सुविधाएं स्कूल में हैं, तो प्राचार्य को 10 अंक मिलेंगे। विद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं को रिपोर्ट कार्ड मिले या नहीं, इस पर भी 10 अंक रखे गए हैं।

इन मानकों पर मिलेंगे अंक

जिन मानकों पर शिक्षकों का आंकलन किया जाएगा, वे इस प्रकार हैं-
-विद्यालय में उनके द्वारा किए गए नामांकनों और आउट ऑफ स्कूल बच्चों की संख्या।
-प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भागीदारी। जिन्होंने निष्ठा (Nishtha)  कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम के तहत सभी प्रशिक्षणों में हिस्सा लिया है, उन्हें पूरे 10 अंक मिलेंगे।

-दीक्षा पोर्टल पर सक्रियता।
-विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठकों में भागीदारी।
-विद्यार्थियों द्वारा पुस्तकालय का उपयोग।
-विद्यार्थियों को मिलने वाले ग्रेड/उनकी एकेडेमिक परफॉर्मेंस।

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