सीतापुर। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले का हरगांव क्षेत्र मंगलवार को दोपहर में एक दिल दहला देने वाली वारदात का गवाह बना।लहरपुर मार्ग पर स्थित एक क्लीनिक में घुसे हमलावर ने डॉक्‍टर पर तलवार से ताबड़तोड़ प्रहार किए। डॉक्‍टर ने बचकर भागने का प्रयास किया तो हमलावर ने पीठ पर कई वार किए जिससे उनकी मौत हो गई। हमलावर ने क्‍लीनिक में मौजूद अन्य लोगों पर भी हमला करने की कोशिश की।

मुद्रासन के मूल निवासी डॉ मुनेंद्र कुमार वर्मा का लहरपुर मार्ग पर छौंछिया मोड़ पर मां कमला चिकित्सालय है। वह मंगलवार दोपहर अपने क्लीनिक में थे। इसी बीच अच्छेलाल वर्मा तलवार वेकर उनके क्लीनिक में घुस आया और कक्ष को अंदर से  बंद कर लिया। इस कमरे में डा. मुनेंद्र प्रताप वर्मा के साथ उनके पिता गजोधर प्रसाद वर्मा भी थे। अच्छेलाल ने डॉ मुनेंद्र कुमार पर तलवार से ताबड़तोड़ प्रहार किए। पिता ने बचाव किया तो उन पर भी वार कर दिया जिससे उनके हाथ में घाव हो गया। इस बीच डा. मुनेंद्र ने दरवाजे की सिटकनी खोलकर बाहर भागने का प्रयास किया तो हमलावर ने पीछे से उन पर तलवार के कई वार किए। खून से लथपथ डॉ मुनेंद्र बरामदे में गिर गए। कंपाउंडर आशीष उनके बचाव में ईंटा लेकर हमलावर की तरफ दौड़ा तो उसने तलवार लेकर आशीष को दौड़ा लिया। आशीष ने किसी तरह अपनी जान बचाई।

घटना को अंजाम देने के बाद अच्छेलाल भाग रहा था, पर इसी दौरान दो पुलिसकर्मी बाइक से आ गए। इस पर अच्छेलाल ने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिसकर्मी उसे बाइक पर बैठाकर थाने ले गए।

धड़ से अलग हो गया बायां हाथ

तलवार के प्रहार से डा. मुनेंद्र प्रताप वर्मा के सिर, चेहरे और हाथ में गहरे घाव हो गए जबकि बायां हाथ धड़ से अलग हो गया। खून से लथपथ डा. मुनेंद्र प्रताप वर्मा की कुछ ही देर में क्लीनिक में ही मौत हो गई। थानाध्यक्ष धर्म प्रकाश शुक्ल ने बताया कि समय रहते मौके पर पुलिस पहुंची और आरोपित अच्छे लाल वर्मा को आलाकत्ल के साथ दबोच लिया।

डा. मुनेंद्र प्रताप का क्लीनिक मुद्रासन पुलिस पिकेट से मात्र 300 मीटर दूर है। घटना के करीब पौने दो घंटे बाद दोपहर 1.50 बजे एएसपी उत्तरी डॉ राजीव दीक्षित और सीओ सदर अभिषेक प्रताप अजेय घटनास्थल पर पहुंचे।

कंपाउंडर शाबान के मुताबिक, वारदात के दौरान क्लीनिक में डॉ. मुनेंद्र प्रताप वर्मा, उनके पिता गजोधर प्रसाद वर्मा, पत्नी कल्पना वर्मा, वह स्वयं और कंपाउंडर आशीषव शाबान थे। डाक्टर व उनके पिता एक कक्ष में थे जबकि अन्य लोग क्लीनिक के मेडिकल स्टोर में थे।

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