उझानी (बदायूं) : कोतवाली की महिला आरक्षी के साथ हुए विवाद मामले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की नींद पांच दिन बाद खुली। शुक्रवार को मुंशी के खिलाफ छेड़खानी की रिपोर्ट दर्ज होने के दूसरे दिन कोतवाली प्रभारी निरीक्षक और वरिष्ठ उपनिरीक्षक को मुंशी समेत निलम्बित कर दिया गया। तीनों के निलम्बन की कार्रवाई से कोतवाली में तैनात पुलिसकर्मियों में हड़कम्प मचा हुआ है। महिला आरक्षी ने अपने उत्पीड़न में जात-बिरादरी का आरोप भी लगाया था। अधिकारियों ने महिला सिपाही के खिलाफ फिलहाल कोई विभागीय कार्रवाई नही की है।
शुक्रवार को लाइनहाजिर महिला आरक्षी के उत्पीड़न में उझानी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने पर उसने एसएसपी कार्यालय परिसर में आत्मदाह का प्रयास किया। इस पर चेते पुलिस अधिकारियों ने उसकी तहरीर पर मुंशी के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कोतवाली करा दिया। तहरीर में उत्पीड़न में इंस्पेक्टर और एसएसआई के पद नाम का भी उल्लेख था मगर दोनों के खिलाफ कोई कार्रवाई न हो सकी। बताते हैं कि शनिवार को अचानक इंस्पेक्टर शैलेन्द्र कुमार सिंह और एसएसआई अनूप सिंह और आरक्षी लिपिक गुलाब सिंह के निलम्बन के आदेश जारी कर दिए गए। तीनों के निलम्बन के बाद विभागीय जांच का जिम्मा अपर पुलिस अधीक्षक नगर को सौंपा गया है। जिला पुलिस कार्यालय ने निलम्बन का प्रेस नोट भी जारी कर दिया है। इंस्पेक्टर समेत एसएसआई और क्लर्क के निलम्बन के बाद पुलिस कर्मियों में हड़कम्प मचा हुआ है।
यहां बताते चले कि 19 सितम्बर सोमवार को कोतवाली में तैनात दो महिला सिपाहियों का तबादला हुआ था जिसमें एक महिला सिपाही को रिलीव के लिए मुंशी ने कोतवाली कार्यालय में बुलाया जहां दोनों के बीच मारपीट हो गई। मारपीट के बाद इंस्पेक्टर ने पुलिस अधिकारियों को सूचना देनी जरूरी नही समझी। जब पीड़ित महिला सिपाही एसएसपी के समक्ष हाजिर हुई तब प्रकरण खुला और मुंशी और महिला सिपाही को लाइनहाजिर कर दिया। दूसरे दिन मंगलवार को एक आडियो-वीडियो वायरल हुआ जिसमें महिला सिपाही एक ही जात बिरादरी के पुलिस कर्मियों को सभी सहूलियतें देने का आरोप लगा रही थी, साथ ही इंस्पेक्टर के समक्ष चार बार पेश होने के बाद कार्रवाई न होने की बात कहती सुनी जा रही थी। इस पर इंस्पेक्टर कहते सुने जा रहे थे कि यहां ऐसा ही चलता है। बताते हैं कि कोतवाली के पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई न होने पर महिला सिपाही ने शुक्रवार को आत्मदाह का प्रयास एसएसपी कार्यालय परिसर में किया, तब मुंशी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई और दूसरे दिन तीनों का निलम्बन हो गया।
कोतवाली का वरिष्ठ उपनिरीक्षक अनूप सिंह अपनी तैनाती के बाद से ही अपनी कार्यप्रणाली के चलते विवादों में रहा है। उस पर एक महिला ने गंभीर आरोप लगाए, साथ ही कई आरोप भी उस पर लगे लेकिन विभागीय स्तर पर उसके खिलाफ कार्रवाई न होने पर एसएसआई के हौसले बुलंद बने रहे। बताते हैं कि महिला आरक्षी प्रकरण के बाद एसएसआई का तबादला सहसवान कोतवाली में हो गया लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि उसका तबादला रद्द कर दिया गया लेकिन अब वह निलम्बित हो चुके हैं।
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