वाराणसी। क्राइम ब्रांच ने नीट यूजी 2021 परीक्षा के एक साल्वर गैंग का राजफाश किया है। इस सम्बन्ध में बीएचयू में बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा पटना निवासी जूली व उसकी मां बाबिता कुमारी को पकड़ा गया है। गैंग का सरगना पटना का पीके है। पुलिस अन्य आरोपितों की तलाश में दबिश दे रही है।
पटना की संदलपुर वैष्णवी कॉलोनी की रहने वाली जूली मेधावी छात्र रही है। उसके पिता पटना में सब्जी बेचते हैं और घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसी का फायदा उठाकर सॉल्वर गैंग ने उसकी मां बबिता से संपर्क किया और 5 लाख रुपये का लालच दिया। कहा कि अगर तुम्हारी बेटी हमारी कैंडिडेट की जगह बैठ कर परीक्षा दे देगी तो सेंटर से बाहर निकलते ही 5 लाख रुपये दे दिए जाएंगे। बबिता लालच में आ गई और जूली को दूसरी कैंडिडेट की जगह परीक्षा में बैठने के लिए राजी कर लिया।
सारनाथ स्थित सेंट फ्रांसिस स्कूल में बनाए गए परीक्षा केंद्र में रविवार को आयोजित नीट यूजी में बबिता अपनी बेटी जूली को लेकर गई। कक्ष निरीक्षकों को जूली पर शक हुआ तो सूचना पुलिस को दी गई। क्राइम ब्रांच प्रभारी अश्वनी पांडेय नेजूली से पूछताछ की तो उसका फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। जूली के साथ ही उसकी मां भी पकड़ ली गई। बबिता के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल खंगाली गई तो दो दलालों का पता लगा। बबिता और जूली से पूछताछ में भी इन्हीं दो दलालों के बारे में क्लू मिले।
ब्रांच ने बबिता के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल की मदद से शहर से ही बिहार के खगड़िया निवासी विकास को पकड़ा। फिर, गाजीपुर के मोहम्मदाबाद क्षेत्र से ओसामा शाहिद पकड़ा गया। ओसामा और विकास से अलग से पूछताछ की जा रही है। प्रथम दृष्टया पूछताछ में यही सामने आया कि मूल अभ्यर्थी के चेहरे से जूली का चेहरा मिलता-जुलता है। दोनों की फोटो फोटोशॉप की मदद से ऐसे तैयार की गई कि कोई भी देख कर जूली और मूल अभ्यर्थी को अलग-अलग न समझे। इसके बाद जूली को मूल अभ्यर्थी के दस्तखत की सैकड़ों बार प्रैक्टिस कराई गई थी।
गिरफ्तार चारों आरोपियों से पूछताछ और उनके मोबाइल फोन की कॉल डिटेल खंगालने के बाद पुलिस का शक लखनऊ स्थित किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) के एक डॉक्टर पर गहराया है। क्राइम उससे भी पूछताछ करेंगी। सॉल्वर गैंग का सरगना पटना निवासी पीके है। वद देश के अलग-अलग स्थानों में ठिकाने बदल कर रहता है। उसकी तलाश में क्राइम ब्रांच की एक टीम पटना भेजी गई है। वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि नीट परीक्षा में सॉल्वर गैंग पर नजर रखने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम गठित की गई थी। इसी टीम ने सारनाथ स्थित एक परीक्षा केंद्र पर संदेह के आधार पर एक लड़की को पकड़ा है। जांच में पता चला की यह लड़की दूसरे के स्थान पर परीक्षा दे रही थी। यह डील 5 लाख रुपये में हुई थी। लड़की ने अपने आप को बीएचयू की छात्रा बताया है। मामले की जांच जारी है।
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