शाहजहांपुर। बीएड टीईटी 2011 संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने मंगलवार को पूर्व मंत्री व सांसद मिथिलेश कुमार से मुलाकात कर शिक्षक भर्ती कराने के लिए ज्ञापन दिया। मिथिलेश कुमार ने उन्हें आश्वस्त किया कि बीएड टीईटी 2011 के अभ्यर्थियों के 10 साल से लंबित प्रकरण के समाधान के लिए वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट करेंगे।
मिथिलेश कुमार ने कहा कि वह 7 दिसंबर 2012 को परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक भर्ती के लिए निकाले गए विज्ञापन के अनुसार नियुक्ति दिलाने का प्रयास करेंगे। इन अभ्यर्थियों के साथ लाखों परिवारों की रोजी-रोटी का सवाल भी जुड़ा है।
संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी राजीव शर्मा ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों में 72,825 शिक्षक भर्ती पहली बार 2011 में निकाली गई थी जिसमें 66,500 पद ही भरे गए। शेष 6,000 पदों पर भर्ती अभी भी पूरी नहीं हुई है। इसके बाद 7 दिसंबर 2012 को एक नया विज्ञापन निकाला गया था जिसकी एक काउंसलिंग भी हो चुकी है। उस पर भी कोई प्रगति नहीं हो सकी। 2017 से पूर्व की सरकारों एवं टीईटी नेताओं ने बेरोजगारों को ठगा। प्रदीप वैरागी ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के 4 साल बाद भी शिक्षित बेरोजगार दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। काफी आवेदकों की उम्र सीमा भी निकल गई है। 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में सरकार को छूट दी थी। इसके बावजूद शासन स्तर पर अभी तक निर्णय न लेना सोचनीय और दुखद है।
ज्ञापन में कहा गया है कि लगभग 200,000 आवेदकों के परिवारों की रोजी-रोटी का सवाल है जो कोरोना संकट के चलते पिछले 15 महीनों से निराश और अवसाद ग्रस्त हैं।
ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में राजीव शर्मा, प्रदीप वैरागी, लोकेंद्र कुमार, दीपक कश्यप, साजिद अली आदि शामिल थे।