लखनऊ। लव जेहाद के बढ़ते मामलों के मद्देनजर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी इसके खिलाफ मुहिम शुरू कर दी है। बोर्ड ने मुस्मिल परिवारों से अपील की है कि वे अपने परिवार के युवक-युवतियों का विवाह गैर मुस्लिमों में ना करें। बोर्ड ने इस प्रकार के निकाह को अवैध माना है। बोर्ड के एक्टिंग जनरल सेक्रेटरी मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने इस संबंध में एक प्रेस नोट जारी किया जिसमें मुस्लिम नौजवानों, आलिमों और मुस्लिम बच्चों के मां-बाप के लिए एक अपील जारी की गई है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसके साथ ही लव जेहाद के मामलों को रोकने के लिए कई नियम बनाएं हैं। बोर्ड ने अपील की है कि मुस्लिम परिवार इन नियमों पर अमल करें जिससे कि बच्चों की जिंदगी अनुशासित हो सके। बोर्ड ने कहा है कि मुस्लिम युवकों और युवतियों के गैर मुस्लिमों से निकाह शरीयत के मुताबिक अवैध है। मुस्लिम लड़के-लड़कियों का गैर मुस्लिम से शादी करना धार्मिक रूप से गलत है। शरीयत के मुताबिक ऐसी शादी को इस्लाम सही नहीं मानता है।
बोर्ड ने कहा कि किसी भी मुस्लिम का गैर मुस्लिम से शादी करना अफसोसनाक है। एक मुस्लिम लड़की केवल मुस्लिम लड़के से ही निकाह कर सकती है। इसी तरह मुस्लिम युवक भी गैर मुस्लिक लड़की से शादी नहीं कर सकता। अगर गैर मुस्लिम से निकाह हुआ है तो शरीयत के अनुसार वह वैध नहीं होगा। बोर्ड ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम किसी गैर मुस्लिम से शादी करता है तो वह जीवन भर गलत करता रहेगा।
बच्चों को इस्लाम की सही तालीम नहीं दे रहे हैं मां-बाप
बोर्ड के कार्यकारी महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने मुस्लिम नौजवानों, आलिमों और मुस्लिम बच्चों के मां-बाप के लिए एक अपील जारी की है। आज कल के मां बाप अपने बच्चों को इस्लाम की सही तालीम नहीं दे रहे हैं। इसी कारण बोर्ड ने मुस्लिम धर्म गुरुओं यानी आलिमों और मुस्लिम बच्चों के मां बाप से अपील की है की हर जगह अपने बच्चों को यही समझाएं कि सिर्फ अपने समुदाय में ही शादी करें। बोर्ड ने कहा कि हाल के दिनों में लव जिहाद का मामला काफी राजनीतिक हो गया है। मुस्लिम लड़कों पर गैर मुस्लिम लड़की से शादी करके उनका धर्म बदलवाने का आरोप है। कई राज्यों में इसके खिलाफ कानून भी लाया गया है।