लखनऊ। भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के परिवार की महिलाओं पर अशोभनीय टिप्पणी करने के मामले में कुर्की के आदेश के बाद मंगलवार को अदालत में पेश हुए पूर्व नसीमुद्दीन सिद्दीकी और रामअचल राजभर को जेल भेजे दिया गया। एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने बसपा के तत्कालीन महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और रामअचल राजभर की संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए थे।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी और रामअचल राजभर ने आज मंगलवार को ही एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर के साथ अंतरिम जमानत की अर्ज़ी डाली थी। अदालत ने अंतरिम जमानत की अर्ज़ी खारिज़ कर दोनों को जेल भेज दिया।
यह है मामला
दरअसल, 22 जुलाई 2016 को दयाशंकर सिंह की मां तेतरी देवी ने हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई थी। इस मामले में नसीमुद्दीन और रामअचल राजभर के अलावा मेवालाल गौतम, नौशाद अली और एएस राव भी आरोपित हैं। इन लोगों के खिलाफ हजरतगंज पुलिस ने 12 जनवरी 2018 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। एफआइआर में तेतरी देवी ने पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को भी नामजद किया था। हजरतगंज स्थित अंबेडकर प्रतिमा पर नसीमुद्दीन और रामअचल राजभर के नेतृत्व में बड़ी संख्या में बसपा कार्यकर्ता एकत्र हुए थे। उस दौरान आरोपितों ने दयाशंकर सिंह की मां, बहन और बेटी के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। आरोप है कि भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया गया था।