तहसीलदार की भूमिका की भी जांच करेगा एंटी करप्शन विभाग
बदायूं @BareillyLive. भ्रष्टाचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है। महिला इंस्पेक्टर और सिपाही के बाद अब दातागंज तहसीलदार का पेशकार को एंटी करप्शन टीम ने पांच हजार की रिश्वत लेते वक्त रंगें हाथों दबोचा है। टीम ने पेशकार के खिलाफ मूसाझाग थाने में मामला दर्ज कराया है। भ्रष्टाचार के इस मामले में तहसीलदार की भूमिका की भी जांच एंटी करप्शन विभाग कराएगा। टीम पेशकार को अदालत में पेश करने के लिए अपने साथ ले गई है जहां से उसे जेल भेजा जाएगा।
बरेली के थाना सुभाषनगर के मोहल्ला गणेशनगर निवासी नंद किशोर पुत्र जगदीश चंद्र ने बदायूं जिले की दातागंज तहसील में एक आवेदन दिया कि उसके पिता जगदीश चंद्र मूल रूप से दातागंज तहसील के गांव केशोपुर कला निवासी है। नंदकिशोर ने तहसील में बताया कि उनके पिता जगदीश चंद्र की मृत्यु के बाद तहसील कर्मियों ने उनके पिता के नाम अंधरऊ के गाटा संख्या 381की विरासत को गलत रूप से दर्ज कर दिया था जिसे सही कराने के आदेश करवाने के लिए वही चक्कर काट रहे थे। इसके लिए तहसीलदार का पेशकार बीस हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था और उसे लगातार परेशान कर रहा था।
बताते हैं कि परेशान नंद किशोर ने एंटी करप्शन विभाग के सीओ से मुलाकात की और फिर उन्हें पूरी बात बताकर न्याय दिलाने की गुहार लगाई। एंटी करप्शन विभाग ने निरीक्षक आनंद कुमार वर्मा के नेतृत्व में एक टीम बनाई और पांच हजार रुपयों के साथ पीड़ित को पेशकार के पास भेजा।
बताते हैं कि तहसील दातागंज परिसर में पीड़ित ने जैसे ही पेशकार को पांच हजार रुपये रिश्वत दी तभी टीम के सदस्यों ने उसे रंगे हाथों पकड़ कर रिश्वत के पांच हजार रुपया जब्त कर लिये और पेशकार को गिरफ्तार कर लिया। टीम के सदस्य उसे लेकर मूसाझाग थाना पहुंचे जहां उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया और फिर उसे अपने साथ लेकर अदालत में पेश करने के लिए चली गई। टीम उसे अदालत में पेश करेगी जहां से उसे जेल भेजा जाएगा। बदायूं में एक के बाद एक रिश्वतखोर के पकड़े जाने से सरकारी महकमों में हड़कम्प मचा हुआ है।