लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 8876 कोरोना मरीज लापता हैं। इन लोगों ने किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), संजय गांधी स्वतकोत्चर चिकित्सा विज्ञान संस्थान (SGPGI) और लोहिया संस्थान में आरटी-पीसीआर (RT-PCR) टेस्ट कराया था। स्वास्थ्य विभाग के डेटा में इन 8876 लोगों का गलत एड्रेस दर्ज है। स्वास्थ्य विभाग के डेटा में दर्ज इन लोगों का पता गलत निकला। इन मरीजों की पहचान 1 मई से 20 मई तक हुई है। प्रशासन ने अब मामले की जांच शुरू कर दी है।
नियम के अनुसार, होम आइसोलेशन में रहने वाले हर मरीज के घर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना किट भेजी जाती है। लिहाजा अब इन गलत पतों पर ही कोरोना किट भेजी जा रही है और लोग उसे वापस भी नहीं कर रहे हैं। कोविड-19 को लेकर लखनऊ जिले की नोडल अधिकारी डॉ रोशन जैकब ने चिकित्सा शिक्षा के महानिदेशक को इसकी जानकारी दी है।
रोशन जैकब के पत्र के अनुसार, सबसे ज्यादा लोहिया संस्थान के 4049 मरीजों का डेटा गलत दर्ज है। इसके अलावा KGMU में 3749 और SGPGI में 1078 लोगों का डेटा गलत पाया गया है। इनका पता शासन और सरकार को भी नहीं है।
पत्र में यह भी कहा गया है कि जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि बहुत से लैब एक ही व्यक्ति की कई बार आरटीपीसीआर जांच करने के लिए हर बार अलग-अलग आइडी ले रहे हैं। इससे कुल पाजिटिव मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। इन वजहों से ऐसे लोगों के यहां जब रैपिड रिस्पांस टीम जा रही है तो पता चल रहा कि उन्हें अब किट की जरूरत नहीं है। ऐसे में टीम का समय भी खराब हो रहा है
डा. रोशन जैकब के पत्र का हवाला देते हुए चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक सौरभ बाबू ने केजीएमयू (किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय) के कुलसचिव तथा एसजीपीजीआइ (संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान) एवं लोहिया संस्थान के निदेशक को पत्र लिखकर जवाब मांगा है। अधिकारियों ने इसके पीछे दो तरह के तर्क दिए। बताया कि कुछ लोग जानबूझकर गलत पता दर्ज कराते हैं, ताकि उनके घर पर पोस्टर न चिपकाया जा सकें। दूसरा तर्क यह कि सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले कर्मचारी पता नोट करते समय गलत डेटा फीड कर देते हैं। जांच के दौरान कई लोग लाइन में लगे रहते हैं, उस दौरान यह गलती भीड़ की वजह से होती है। कुछ समय पहले तक जब निजी अस्पतालों में जांच हो रही थी तो वहां भी गलत पते के मामले आए थे।
सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि ये पॉजिटिव लोग ठीक हुए या नहीं, इसकी भी जानकारी नहीं है। ऐसे में समस्या यह आ रही है कि पोर्टल से ऐसे लोगों का नाम और बाकी जानकारी हटाना भी संभव नहीं है क्योंकि ज्यादातर के मोबाइल फोन नंबर तक गलत हैं।
लखनऊ में कोरोनाकाल में अब तक 2.36 लाख से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 2 लाख 28 हजार 646 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 2379 मरीजों की मौत हो चुकी है। पिछले 24 घंटे के अंदर जिले में 295 नए मरीजों की पहचान हुई, 18 लोगों ने दम तोड़ दिया। 851 लोग ठीक होकर अपने घर गए।
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