इस्लामाबाद, 6 फरवरी। पठानकोट की तर्ज पर और हमलों की चेतावनी देने के ठीक एक दिन बाद जमात-उद-दावा के लोगों ने लाहौर, फैसलाबाद, इस्लामाबाद, कराची, पेशावर और मुजफ्फराबाद शहरों में ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ के मौके पर रैलियां निकालीं।
जेयूडी के सरगना हाफिज सईद ने इस्लामाबाद में रैली का नेतृत्व किया, जबकि उसके रिश्तेदार हाफिज अब्दुल रहमान मक्की ने लाहौर में अपने समर्थकों को संबोधित किया। सत्तारूढ़ पीएमएल-एन, जमात-ए-इस्लामी और दूसरे राजनीतिक दलों एवं धार्मिक समूहों ने भी कश्मीरियों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए रैलियां निकालीं। जेयूडी ने लाहौर में भी कई शिविरों का आयोजन किया जहां बड़े पर्दे लगाकर कश्मीर में होने वाले अत्याचारों के बारे में वीडियो दिखाए गए।
मीरपुर में एकजुटता कश्मीरी सम्मेलन को संबोधित करते हुए सईद ने कहा था कि पाकिस्तान को कश्मीरी चरमपंथी नेता सैयद सलाहुद्दीन का आभारी होना चाहिए जो यूनाइटेड जिहाद काउंसिल (यूजेसी) का प्रमुख है। इसने दो जनवरी के पठानकोट वायुसेना ठिकाने पर हमले की जिम्मेदारी ली थी। लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक ने कहा, सैयद सलाहुद्दीन पाकिस्तान का बड़ा शुभचिंतक है।
सईद ने कहा कि पठानकोट वायुसेना एयरबेस पर हमले की जिम्मेदारी स्वीकार करके पाकिस्तान को परेशानी से बाहर निकाला है। पाकिस्तान को उनका आभारी होना चाहिए। सईद ने धमकी दी कि अगर कश्मीर में युद्ध आगे बढ़ता है तो इसकी भारत को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। भारत ने पाकिस्तान से कहा था कि वह जेयूडी सरगना पर अंकुश लगाए।सईद ने कहा, कश्मीर दिवस के मौके पर मैं आजादी की लड़ाई को और तेज करना चाहता हूं।
पाकिस्तान में हर बच्चा कश्मीर की आजादी के लिए कुर्बानी देने को तैयार है। उसने कहा, हमारा संविधान भी हमसे कश्मीरियों की उनकी आजादी की लड़ाई में सहयोग की मांग करता है। सईद ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से भी कहा कि वह भारत के साथ संबंध खत्म करे। कश्मीर के आजाद होने तक भारत के साथ कोई संबंध नहीं होना चाहिए