वाशिंगटन। कोरोना संक्रमण की वजह से न केवल फंगल इन्फेक्शन, अत्यधिक कफ, गुर्दों पर दुष्प्रभाव जैसी परेशानिया होतीं हैं बल्कि यह याददाश्त को भी प्रभावित कर सकता है। एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है। इसके अनुसार, इस खतरनाक वायरस का संबंध भूलने की बीमारी अल्जाइमर समेत सोचने और समझने की क्षमताओं में कमी से पाया गया है।

अमेरिकी अल्जाइमर एसोसिएशन की अगुआई वाले एक वैश्विक समूह के विशेषज्ञों ने एक अध्ययन में यह जानकार जुटाई है। अध्ययन में यह पाया कि कोरोना से उबरने के बावजूद कई बुजुर्ग सूंघने की क्षमता में कमी समेत याददाश्त में गिरावट की समस्या से जूझ रहे हैं। इन पीडि़तों में ब्रेन इंजरी, न्यूरो इंफ्लेमेशन और अल्जाइमर से परस्पर गहरा ताल्लुक रखने वाले तंत्रिका तंत्र संबंधी लक्षणों की मौजूदगी पाई गई। अध्ययन के नतीजों के अनुसार, कोरोना संक्रमण के बाद याददाश्त में गिरावट का सामना करने वाले लोगों में कम ब्लड ऑक्सीजन का खतरा भी ज्यादा पाया गया।

शोधकर्ताओं ने कहा कि कोरोना महामारी के कहर से दुनियाभर में स्वास्थ्य के मोर्चे पर गंभीर असर पड़ा है। हम इस बात का पता लगाने के लिए निरंतर अध्ययन के कर रहे हैं कि इसका हमारे शरीर और मस्तिष्क पर कैसा असर पड़ रहा है। अध्ययन से जुड़े अमेरिका की टेक्सास यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अर्जेंटीना में कोरोना पीडि़त करीब 300 बुजुर्गो पर शोध किया। कोरोना को मात देने वाले इन बुजुर्गो में से आधे से ज्यादा में भूलने की समस्या पाई गई।

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