नयी दिल्ली। अफगानिस्तान पर कब्जे के चंद दिनों बाद ही तालिबान अपने रंग दिखाने लगा है। अब तालिबान भारत में सोमनाथ मंदिर पर 17 बार आक्रमण करने वाले महमूद गजनवी का गुणगान करने में जुट गया है। तालिबानी नेता अनस हक्कानी मंगलवार को महमूद गजनवी की कब्र पर पहुंचा और उसकी प्रशंसा की। महमूद गजनवी ने 17 वीं शताब्दी में गुजरात के सोमनाथ मंदिर पर 17 बार आक्रमण किया था। कुख्यात ’हक्कानी नेटवर्क’ के तालिबान सरकार के नए आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के छोटे भाई अनस हक्कानी ने गजनवी को “एक प्रसिद्ध मुस्लिम योद्धा“ कहकर उसकी शान में कसीदे गढ़े।
अनस हक्कानी ने ट्वीट में लिखा, ‘आज, हमने 10वीं शताब्दी के एक प्रसिद्ध मुस्लिम योद्धा और मुजाहिद सुल्तान महमूद गजनवी की दरगाह का दौरा किया। गजनवी (अल्लाह की रहमत उस पर हो) ने गजनी से क्षेत्र में एक मजबूत मुस्लिम शासन स्थापित किया और सोमनाथ की मूर्ति को तोड़ दिया। अनस हक्कानी ने ट्विटर पर कब्र की तस्वीरें भी पोस्ट कीं।
बता दें कि महमूद गजनवी गजनवी के तुर्क वंश का पहला स्वतंत्र शासक था, जिसने 998 से 1030 ईस्वी तक शासन किया था। इतिहास की मानें तो इसने भारत पर 17 बार आक्रमण किया और 1024 AD में सोमनाथ मंदिर को तोड़ा। सोमनाथ मंदिर भगवान शिव का मंदिर है। गजनवी ने विशेष रूप से हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया, क्योंकि तब भारत में मंदिर हिंदुओं के लिए धन, अर्थव्यवस्था और विचारधारा के केंद्र थे।
अनस हक्कानी दोहा में अपने राजनीतिक कार्यालय में तालिबान के वार्ता दल का सदस्य था। हक्कानी नेटवर्क और तालिबान 1990 के दशक के दौरान करीब आए और इस बार भी खूंखार आतंकी समूह हक्कानी तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार का हिस्सा है। सिराजुद्दीन हक्कानी एक ग्लोबल टेररिस्ट है और अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय का प्रमुख है।