कराची। “अल्पसंख्यकों के कत्लगाह” में तब्दील होते जा रहे पाकिस्तान में कट्टरपंथियों की एक और काली करतूत सामने आयी है। देश की आर्थिक राजधानी कराची के ल्यारी इलाके में उन्मादी कट्टरपंथियों की भीड़ ने एक बच्‍चे पर पैगंबर की निंदा का आरोप लगाते हुए एक प्राचीन मंदिर में जमकर तोड़फोड़ की। कट्टरपंथियों ने मंदिर में स्थापित भगवान शिव और गणेश की मूर्तियों को भी तोड़ दिया। पिछले 20 दिनों में हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की तीसरी घटना है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कट्टरपंथियों ने बिना किसी ठोस सबूत के हिंदू बच्‍चे पर ईशनिंदा का आरोप लगाया। यही नहीं मंदिर के अंदर लगी भगवान की तस्‍वीरों को भी फाड़ दिया गया। बताया जा रहा है कि यह मंदिर कराची के ली मार्केट में स्थित है।

मंदिर के पास रहने वाले हिंदू समुदाय ने इस घटना पर गुस्से का इजहार करते हुए जल्द से जल्द दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। हिंदू समुदाय ने कहा कि इस तरह की घटनाएं अस्वीकार्य हैं और सरकार को दोषियों को पकड़ना चाहिए। अन्य मामलों की तरह इस मामले की भी पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा

गौरतलब है कि भारत को धर्मनिरपेक्षता की सीख देने वाले पाकिस्तान में हिंदुओं और उनके मंदिरों पर लगातार हमले हो रहे हैं। कराची की घटना से पहले सिंध प्रांत के ही थारपारकर जिले में स्थित नागारपारकर में धार्मिक अतिवादियों ने दुर्गा माता की मूर्ति को खंडित कर दिया था। उन्मादियों ने मंदिर को भी जमकर नुकसान पहुंचाया था। मंदिर के पुजारी ने बताया कि आधी रात को कुछ अज्ञात लोग मंदिर परिसर में घुसे और दरवाजे को बंद कर मूर्ति को तोड़ दिया। उन्होंने जाते-जाते मंदिर को भी नुकसान पहुंचाया। अभी तक हमलावरों के खिलाफ पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की है।

रिपोर्ट के अनुसार, 20 दिन पहले भी सिंध के बादिन जिले में एक मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी। एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, इस मामले में शिकायतकर्ता अशोक कुमार ने आरोप लगाया था कि मंदिर में तोड़फोड़ मुहम्मद इस्माइल उर्फ चट्टो शीदी ने की थी। इस पर पाकिस्तान पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी थी।

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