World Desk. तालिबान के कब्जे से पहले अफगानिस्तान (Afghanistan) छोड़कर भागने के लिए राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) की आलोचना हो रही है। वहीं, उनकी बेटी मरियम गनी (Mariam Ghani) अमेरिका (America) में एक आलीशान जिंदगी जी रही हैं। मरियम ने अफगानिस्तान के हालात और अपने पिता के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। हालांकि वो ये जरूर चाहती हैं कि अफगान में स्थिति जल्दी ठीक हो जाए।
‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ की रिपोर्ट के मुताबिक, 43 साल की मरियम गनी (Mariam Ghani) ब्रुकलिन की क्लिंटन हिल बिल्डिंग में रहती हैं । अमेरिका में ही जन्मीं और पढ़ी-लिखीं मरियम पेशे से आर्टिस्ट एवं फिल्ममेकर हैं । मरियम अफगान महिलाओं से बेहद अलग जिंदगी जीती हैं । अपने पिता के अफगानिस्तान छोड़कर भागने के कुछ दिन बाद उन्हें न्यूयॉर्क में अपनी एक दोस्त के साथ टहलते हुए स्पॉट किया गया । (फोटो सोर्स: Nypost)
मरियम ने फिलहाल अफगानिस्तान के हालात पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है । हालांकि, वह अमेरिका के लोगों को अफगानियों के अधिकारों के लिए खड़े होने के लिए जागरुक कर रही हैं । इसके लिए मरियम एक विशेष कैंपेन भी चलाती हैं । हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में मरियम ने सवाल करते हुए पूछा था कि अफगानियों की मदद के लिए हम क्या कर सकते हैं? (फोटो सोर्स: फेसबुक)
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ से बातचीत में उस समय मरियम ने कहा था कि मैं एक कलाकार बनना चाहती थी, क्योंकि मुझे लगा कि एक कलाकार होने के नाते मैं और भी बहुत सारी चीजें कर सकती हूं। मरियम को पढ़ने का काफी शौक है. उनके घर की जमीन से लेकर छत तक अलमारियां किताबों से भरी हुई थीं ।
अशरफ गनी (Ashraf Ghani) के बेटी मरियम का कहना है कि वो अफगानिस्तान में रह रहे अपने परिवार, दोस्तों और सहयोगियों को लेकर चिंतित हैं । मरियम अफगानियों के लिए विशेष अप्रवासी वीजा में तेजी लाने के प्रयासों पर भी काम कर रही हैं । अपनी एक अन्य Instagram पोस्ट में उन्होंने लिखा था, ‘पिछले कुछ दिनों में एकजुटता में दिखाने वाले सभी लोगों को धन्यवाद । यह बहुत मायने रखता है. मुझसे जो भी संभव होगा मैं वो जरूर करूंगी । . (फोटो सोर्स: Nypost)
ब्रुकलिन में पैदा हुईं मरियम की परवरिश मैरीलैंड में हुई है । उनका करियर कला और शिक्षा से जुड़ा रहा है। मरियम ने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी और मैनहट्टन के स्कूल ऑफ विजुअल आर्ट्स में पढ़ाई की । उनके काम को दुनिया के कई म्यूजियम में दिखाया जा चुका है । 2018 में वह वर्मोंट के बेन्निंगटन कॉलेज में फैकल्टी मेंबर बनीं । जानकारी के मुताबिक, निर्वासन में पली-बढ़ी मरियम पहली बार 2002 में तब अफगानिस्तान गईं थी जब वो 24 साल की थीं । (फोटो सोर्स: फेसबुक)
मरियम का कहना है कि वो अलग-अलग संस्कृतियों के बीच बड़ी हुई हैं और अपनी कला के जरिए इसे दिखाने की कोशिश करती हैं । ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने 2015 में मरियम को फेमिनिस्ट और एक्टिविस्ट के तौर पर परिभाषित किया था । (फोटो सोर्स: facebook.com/Mariam-Ghani)