लंगकावी (मलेशिया)। कभी भारत से फरार होकर मलेशिया में शरण लिये हुए इस्लामिक चरमपंथी उपदेशक जाकिर नाइक तो कभी जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के मामले में पाकिस्तान का साथ देकर भारत को “चिढ़ाता” रहा मलेशिया भारत के एक ही “जवाबी हमले” में घुटनों के बल आ गया। इन दोनों मामलों को लेकर उपजे राजनीतिक तनाव के चलते भारत ने मलेशिया की अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण पॉम तेल के आयात का बहिष्कार करने का फैसला किया तो इसके होश उड़ गए। लाचारी जताते हुए मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मुहम्मद ने सोमवार को कहा, “भारत पर जवाबी व्यापारिक कार्रवाई करने के लिए हम बहुत छोटे हैं। इससे उबरने के लिए हमें नए रास्ते और तरीके खोजने होंगे।”

भारत दुनिया में खाद्य तेल का सबसे बड़ा खरीददार है। महातिर मुहम्मद द्वारा भारत की घरेलू राजनीति पर निशाना साधने के बाद मोदी सरकार ने इसी महीने मलेशिया से पॉम तेल का आयात रोक दिया था। बीते 11 सालों में पॉम ऑयल की बेंचमार्क कीमतों में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। मलेशिया पॉम तेल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और भारत का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। हालांकि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बीते गुरुवार को स्पष्ट किया कि रिफाइंड पाम ऑयल के आयात पर प्रतिबंध का फैसला पूरी तरह घरेलू कारोबारियों के हितों को देखते हुए लिया गया है। उधर, मलेशिया की सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि दावोस में व‌र्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक के मौके पर दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रियों की मुलाकात संभव है। मुस्लिम बहुल मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मुहम्मद ने भारत के नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की आलोचना की थी और कश्मीर पर चढ़ाई करने का आरोप लगाया था।

जाकिर नाइक को लेकर भी मलेशिया से नाराज है भारत


विवादित इस्लामिक धर्म प्रचारक जाकिर नाइक का स्थायी निवासी का दर्जा वापस लेने से इन्कार को लेकर भी भारत मलेशिया से नाराज है। भारत में भड़काऊ भाषणों और मनी लांड्रिंग मामलों का आरोपित जाकिर नाइक करीब तीन साल से मलेशिया में रह रहा है। महातिर का कहना है कि अगर भारत सरकार निष्पक्ष मुकदमे की गारंटी दे तो भी नाइक को विजिलेंस कार्रवाई का खतरा है। उन्होंने कहा, “अगर हम उसके लिए कोई जगह तलाश सके तो हम उसे बाहर भेज देंगे।”

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