राष्ट्रपति शी जिनपिंग बीजिंग। चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए अब कार्यकाल की सीमा समाप्त कर दी गयी। वह अब जीवन भर राष्ट्रपति बने रह सकते हैं। अध्यक्ष माओ त्से-तुंग के बाद जिनपिंग पहले नेता हैं, जिनके लिए कार्यकाल सीमा की बाध्यता नहीं रहेगी। अब चीन में प्रधानमंत्री ली क्विंग को छोड़कर पूरे कैबिनेट और केंद्रीय बैंक के गवर्नर सहित सभी शीर्ष पदों पर नए अधिकारी कमान संभालेंगे।

बहरहाल, सबकी निगाहें उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर होंगी क्योंकि रबर स्टांप संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) ने राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति के लिए दो बार कार्यकाल की बाध्यता समाप्त कर दी है। संशोधन के बाद 64 वर्षीय शी, आजीवन सत्ता में बने रह सकेंगे। वहीं, शी के निकट सहयोगी वांग काईशान उनकी शक्ति को और बढ़ा सकते हैं।

Lifetime राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ

दरअसल वांग ने पिछले पांच वर्षों में सशक्त तरीके से भ्रष्टाचार निरोधक अभियान चलाया, जिसमें 100 मंत्री स्तरीय अधिकारियों सहित 5 लाख से ज्यादा लोगों को दंडित किया गया। वांग को पद छोड़ना होगा क्योंकि वह 68 वर्ष से ज्यादा के हो गए हैं, जो चीन में सभी शीर्ष अधिकारियों के लिए सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा है। हालांकि कहा जा रहा है कि वांग उपराष्ट्रपति बन सकते हैं।

बता दें कि शुक्रवार को चीन की पार्लियामेंट ने सर्वसम्मति ने शी जिनपिंग को देश का राष्ट्रपति चुन लिया। राजधानी बीजिंग स्थित ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल्स में पत्रकार भी शी जिनपिंग के फिर से चीन के राष्ट्रपति चुने जाने के प्रत्यक्षदर्शी गवाह बने। इससे पहले रविवार को चीन की पार्लियामेंट ने संविधान में संशोधन करके राष्ट्रपति के कार्यकाल की सीमा को खत्म कर दिया था। इसका सीधा अर्थ है कि शी जिनपिंग जब तक चाहे चीन के राष्ट्रपति बने रह सकते हैं।

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