लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 9वीं और 11वीं के विद्यार्थी वार्षिक परीक्षाफल के आधार पर अगली कक्षा में भेजे जाएंगे। यदि सालभर कोई परीक्षा या असेसमेंट नहीं हुआ हो तो सामान्य रूप से प्रोन्नत यानी प्रमोट करने का निर्देश है। साथ ही कक्षा 6, 7, 8, 9 और 11 के छात्र- छात्राओं को प्रोन्नत करने के संबंध में यदि किसी प्रकार की शिकायत होगी तो उसकी सुनवाई जिला स्तर की कमेटी करेगी। शिक्षा विभाग के इन निर्देशों को भेज दिया गया है। गौरतलब है कि कोरोना महामारी की वजह से प्रदेश में ऑफलाइन पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है। ज्यादातर माध्यमिक स्कूलों में नियमित कक्षाएं संचालित नहीं हो सकी हैं।

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने अगली कक्षा में प्रमोट करने का जो दिशा-निर्देश जारी किया है, उसके अनुसार, कक्षा 6 से 8 तक के छात्र-छात्राओं को सीधे अगली कक्षा में भेजना है। कक्षा 9 और 11 के छात्र-छात्राओँ को वार्षिक परीक्षाफल के आधार पर प्रमोट किया जाना है। जिन स्कूलों ने वार्षिक परीक्षा नहीं कराई, वे वर्ष भर में कराए गए टेस्ट, प्रोजेक्ट, आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर प्रमोट कर सकते हैं। यदि साल भर इस तरह की कोई शैक्षणिक गतिविधियां नहीं हुई हैं तो सामान्य रूप से अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाएगा। ये निर्देश सभी शिक्षा बोर्ड के विद्यालयों के लिए हैं लेकिन यदि किसी बोर्ड ने विशेष तौर पर नियम बनाए हैं तो वहां उसी के नियम लागू होंगे।

जिला शुल्क नियामक समिति में कर सकते हैं शिकायत

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि अगली कक्षा में प्रमोट करने को लेकर विद्यार्थी या अभिभावक जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली शुल्क नियामक समिति में शिकायत कर सकते हैं। इसका 3 दिन में निस्तारण होगा। 10वीं की बोर्ड परीक्षा निरस्त कर दी गई है। जल्द ही मूल्यांकन नीति जारी कर छात्र-छात्राओँ को कक्षा 11 में प्रमोट कर दिया जाएगा। इसमें भी किसी विद्यार्थी या अभिभावक की शिकायत होगी तो उसका भी यही समिति निस्तारण करेगी।

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