नयी दिल्ली। केन्द्र सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग‘‘एमएसएमई’’ की परिभाषा में बदलाव की अधिसूचना जारी कर दी है जो एक जुलाई से प्रभावी होगी। एमएसएमई मंत्रालय ने बुधवार को प्रेस को इसकी जानकारी दी। इससे पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के क्रियान्वयन के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की परिभाषा बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव से छोटे कारोबारियों को लाभ होगा और वे अपने कारोबार का विकास कर सकेंगे। छोटे उद्योगों की परिभाषा में लगभग 14 वर्ष के बाद बदलाव किया गया है। नयी परिभाषा के अनुसार सूक्ष्म उद्योग: विनिर्माण का कारोबार एक करोड़ रुपए, लघु कारोबार 10 करोड़ रुपए तथा मध्यम का कारोबार 20 करोड़ रुपए होगा।
इसी तरह सेवा क्षेत्र के कारोबार के लिए यह सीमा सूक्ष्म के लिए पांच करोड़ रुपए, लघु के लिए 50 करोड़ रुपए तथा मध्यम के लिए 100 करोड़ रुपए होगी। सरकार ने यह फैसला आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत लिया है। इससे तकरीबन छह करोड़ उद्योगों को लाभ होगा। एजेन्सी