शियान। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन दिवसीय यात्रा पर चीन से सांस्कृतिक जमीन पर विवादित मुद्दों को सुलझाने और आपसी विश्वास बहाल करने अलावा सीमा विवाद को भी सुलझाने की कोशिश की। मोदी ने गुलाम कश्मीर ‘पीओके‘ से होकर जाने वाले आर्थिक गलियारे के लिए चीन के 46 अरब डॉलर के निवेश का भी मुद्दा उठाया।
पहले दिन ही खुशनुमा माहौल में मोदी ने 90 मिनट की द्विपक्षीय वार्ता में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के समक्ष तल्ख मुद्दे भी उठाए। विदेश सचिव एस. जयशंकर ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति चिनफिंग के बीच प्रतिनिधि दल स्तरीय सार्थक बातचीत हुई।
पीएम मोदी ने ये भी सवाल उठाए-
नत्थी वीजा का मुद्दा-
उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के निवासियों को चीन के नत्थी वीजा जारी करने पर भी सवाल उठाया। मालूम हो कि चीन भारतीय पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है।
सुरक्षा परिषद व एनएसजी पर चर्चा-
दोनों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और वैश्विक मुद्दों पर बात हुई। आतंकवाद, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार और परमाणु आपूर्तिकर्ता संगठन ‘एनएसजी‘ में भारत की सदस्यता पर गहन विचार.विमर्श हुआ।
चिनफिंग ने की पीएम मोदी की सरहाना-
चिनफिंग शी ने मोदी से बातचीत शुरू करते हुए कहा कि पहली बार मैंने एक विदेशी नेता से अपने गृहनगर में मुलाकात की है। भारत.चीन संबंध व्यापक पहलुओं पर स्थिर विकास का अनुभव कर रहे हैं। चिनफिंग ने उम्मीद जताई की भारतीय नेतृत्व का यह दौरा द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी में प्रगति की नई इबारत लिखेगा।
उन्होंने मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि पिछले साल सिंतबर में भारत यात्रा में उनके हार्दिक स्वागत का उन पर गहरा और अच्छा असर हुआ है।