मुर्दे का बीमा कराने वाला धोखेबाज गिरफ्तारबरेली। बरेली पुलिस ने मुर्दों का बीमा कराने वाले दो धोखेबाजों को गिरफ्तार किया है। शाकिब और शकील नाम के ये दोनों धोखेबाज बीमा कंपनी के एजेण्ट से मिलकर मुर्दो का बीमा कराते थे। इन्होंने दर्जन भर बीमा कम्पनियों को अपना शिकार बना डाला। मुर्दों के नाम पर क्लेम ले-लेकर ये करोड़पति बन गये। बुधवार को पुलिस ने मामले का खुलासा किया।

घटनाक्रम के अनुसार जिलाधिकारी आवास के सामने रिलायंस निप्पोन लाईफ इंश्योरेंस कंपनी का कार्यालय है। कम्पनी के एक्जीक्यूटिव टेरीटरी मैनेजर अमित सक्सेना ने 23 जुलाई 2018 को कोतवाली में ठिरिया निजावत खां निवासी मृतक शोएब की मां शहनाज के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। अमित ने बताया कि ठिरिया निजावत खां में जाटवपुरा वार्ड नंबर के शोएब ने 9.90 लाख रुपये का बीमा कराया था। आठ मार्च 2016 को उसकी बीमा पालिसी दर्ज की गई।

भमोरा के रहने वाले एडवाइजर शेर बहादुर ने पूरी की कार्रवाई

भमोरा के रहने वाले कंपनी के एडवाइजर शेर बहादुर ने उसकी बीमा की कार्रवाई पूरी की। 50 दिन के अंदर शोएब को मृतक घोषित करते हुए उसकी मां शहनाज ने बीमा के लिए दावा ठोक दिया। सेल्स मैनेजर जितेंद्र कुमार तिवारी के सामने शहनाज ने 12 मई 2017 को दावा कर बीमे के दस लाख रुपये देने की मांग की।

इसी बीच कंपनी के अधिकारियों को पता लगा कि गैस एजेन्सी कर्मचारी शोएब की मौत पहले हो गई थी। इसके बाद लखनऊ से रिलायंस कंपनी के फ्राड कंट्रोल यूनिट के प्रभारी विजय गिरि ने मामले की जांच पड़ताल की। इसमें पता लगा था कि शोएब की मौत के बाद शहनाज ने ठिरिया के रहने वाले शाकिब की मदद से बीमा कराया था। बीमा की किस्तें शाकिब ने ही भरी हैं। शाकिब का नरियावल में स्टील, ग्रिल वर्क्स का कारोबार है। सेटेलाइट बसअडडे पर सेटेलाइट होटल है। पास में ही उसका स्टील वर्क्स का शोरूम भी है। उसकी मदद से ही रिलायंस से लेकर एलआईसी तक फर्जीवाड़ा किया। एलआईसी में भी शोएब के नाम से 9.90 लाख रुपये का बीमा कराया गया था। कोतवाली पुलिस ने मुर्दे का बीमा कराने वाले धोखेबाज शाकिब को गिरफ्तार कर लिया है। उसे कोतवाली में रखा गया है।

… जारी करवाया फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र

आरोपियों ने ठिरिया नगर पंचायत से फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाया था। डीएम के आदेश पर राजस्व विभाग की टीम ने मामले की जांच की थी। जांच में भी मामला संदेहास्पद पाया गया था। कुछ लोगों ने पहले मौत होने की बात कही थी।

भमोरा के रहने वाले कंपनी के एडवाइजर शेर बहादुर ने शोएब का बीमा किया था। उनका दावा था कि वह शोएब से मिले थे, जबकि शोएब की मौत हो चुकी थी। कंपनी शेर बहादुर को बाहर कर चुकी है। कंपनी के सेल्स मैनेजर जितेंद्र कुमार तिवारी का कहना था कि वर्कलोड ज्यादा होने की वजह से उन्होंने एडवाइजर पर विश्वास किया। शोएब से खुद मिले बगैर उससे फोन पर बात कर पालिसी जारी कर दी थी।

बदले बयान : पहले कहा-पेट दर्द, बाद में बोली हार्ट अटैक से हुई मौत

शहनाज ने कहा कि उसका बेटा शोएब लकी गैस एजेंसी पर काम करता था। उसका वेतन आठ हजार था। 25 अप्रैल 2016 को उसके पेट में दर्द हुई। इसके बाद बहेड़ी में उसकी मौत हो गई। बाद में बोली बिजनेस मैन बेटे की मौत हार्ट अटैक से हुई। पहले शोएब को गैस एजेंसी में नौकर बताया गया था। दूसरी बार में शोएब का फैब्रिकेशन का बिजनेस बताया। जिससे वह 40 हजार महीने कमाता था। बताया कि 24 अप्रैल को उसको हार्ट अटैक पड़ा, जिसमें उसे सांस लेने में तकलीफ हुई। इसके बाद वह ठीक हो गया। 25 अप्रैल को दोपहर को उसकी दोबारा हालत बिगड़ी। उसे गंगाचरण अस्पताल ले गये। गेट पर ही डॉक्टर ने कहा कि वह मर चुका है।

बहेड़ी में मीना बाजार के मोहल्ला टांडा के रहने वाले मृतक शोएब के मामा नाजिर खान का कहना है कि 23 अप्रैल को वह बहेड़ी आया था। 24 अप्रैल को उसके पेट में दर्द हो गया। इसके बाद उसे बरेली ले जाया गया। अगले दिन 25 को उसकी मौत हो गई।

… तो कहां से आया एक लाख का प्रीमियम

शहनाज का ठिरिया निजावत खां वार्ड नंबर एक जाटवपुरा में एक कमरे का मकान है। शहनाज के पति की मौत हो चुकी है। उसका एक बेटा सऊदी में है। ठिरिया में उसकी बेटी रहती है। उन्होंने 50 हजार रुपये का प्रीमियम रिलायंस कंपनी को दिया। इतना ही प्रीमियम एलआईसी को दिया। यहा गौरतलब बात ये है कि इस बुजुर्ग महिला का एक कमरे का मकान है। वह एक लाख रुपये प्रीमियम के कहां से लाई। पुलिस ने इस मामले पर जांच शुरू की। पता लगा कि ठिरिया का शाकिब रैकेट बनाकर मुर्दों का बीमा करवाकर लाखों रुपये कमाता है। शहनाज को कुछ रुपयों का लालच देकर उसने ही शोएब के दोनों बीमे कराये। उसी ने उनका एक लाख रुपये प्रीमियम भरा।

जल्द हो सकती हैं और गिरफ्तारी

बता दें कि पुलिस की जांच में अभी कई बीमा कंपनियों के एजेंटो के अलावा फ़र्ज़ी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले कर्मचारियों के नाम भी सामने आना बाकी है। अब देखना है की पुलिस कब तक सभी जालसाजों को गिरफ्तार कर जेल भेजती है।

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