irfan habib and cowअलीगढ़। प्रख्यात इतिहासकार प्रो. इरफान हबीब ने कहा कि गौ रक्षा का मामला देश के आर्थिक विकास से जुड़ा है। भैंस की तुलना में गाय के दूध में पौष्टिक तत्व ज्यादा होते हैं।

बातचीत में उन्होंने गौ रक्षा को लेकर देश भर में छिड़ी बहस पर कहा कि पंडित गोविंद वल्लभ पंत के जमाने में गौ रक्षा समिति का गठन किया गया था। इसके सदस्य उनके पिता प्रो. मो. हबीब भी थे।

उक्त समिति के सुझाव पर गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाया गया था। उन्होंने कहा कि दरअसल गाय भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़ी रही है। पशुपालक बहुत कम खर्चे में गाय का पालन कर लेते थे।

प्रो. हबीब ने कहा कि आज की तरह पहले ट्रैक्टर एवं अन्य उपकरणों से खेती नहीं होती थी। गाय से बैल निकलते थे। किसान खेती के लिए बैल पर निर्भर थे। भारी भरकम सामान एक से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए बैलगाड़ी का उपयोग किया जाता था।

उन्होंने कहा कि यातायात के लिए भी लोग इसका उपयोग करते थे। इन्हीं सब कारणों से गाय से किसानों का सबसे अधिक लगाव-जुड़ाव था। गौ रक्षा समिति ने भी सुझाव दिया था कि आर्थिक विकास के लिए गौ रक्षा जरूरी है।

 अमर उजाला.काम से साभार

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