सनातन हिन्दू पंचांग को वैदिक पंचांग कहा जाता है। इस पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बनता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण हैं। इस कॉलम के माध्यम से हम आपको दैनिक पंचांग में शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिन्दू मास एवं पक्ष आदि की जानकारी देने का प्रयास करते हैं।
सोमवार, अगस्त ०३, २०२० का पञ्चाङ्ग बरेली, भारत के लिए
सूर्योदय:
०५:३५
सूर्यास्त:
१९:०१
हिन्दु सूर्योदय:
०५:३९
हिन्दु सूर्यास्त:
१८:५७
चन्द्रोदय:
१९:०५
चन्द्रास्त:
चन्द्रास्त नहीं
सूर्य राशि:
कर्क
चन्द्र राशि:
मकर
सूर्य नक्षत्र:
अश्लेशा
द्रिक अयन:
दक्षिणायण
द्रिक ऋतु:
वर्षा
वैदिक अयन:
दक्षिणायण
वैदिक ऋतु:
वर्षा
हिन्दु लूनर दिनाँक
शक सम्वत:
१९४२ शर्वरी
चन्द्रमास:
श्रावण – अमान्त
विक्रम सम्वत:
२०७७ प्रमाथी
श्रावण – पूर्णिमान्त
गुजराती सम्वत:
२०७६
पक्ष:
शुक्ल पक्ष
तिथि:
पूर्णिमा – २१:२८ तक
नक्षत्र, योग तथा करण
नक्षत्र:
उत्तराषाढा – ०७:१९ तक
योग:
प्रीति – ०६:४० तक
प्रथम करण:
विष्टि – ०९:२५ तक
द्वितीय करण:
बव – २१:२८ तक
अशुभ समय
दुर्मुहूर्त:
१२:४५ – १३:३८
वर्ज्य:
११:२८ – १३:०७
१५:२४ – १६:१८
राहुकाल:
०७:१९ – ०८:५९
गुलिक काल:
१३:५८ – १५:३८
यमगण्ड:
१०:३९ – १२:१८
शुभ समय
अभिजित मुहूर्त:
११:५२ – १२:४५
अमृत काल:
२१:२५ – २३:०४
अन्य
आनन्दादि योग:
काण – ०८:५९ तक
तमिल योग:
मरण – ०८:५९ तक
सिद्धि
अमृत
होमाहुति:
चन्द्र
अग्निवास:
पाताल – २१:२८ तक
पृथ्वी
भद्रावास:
पाताल – ०९:२५ तक
निवास और शूल
दिशा शूल:
पूर्व में
राहु काल वास:
उत्तर-पश्चिम में
नक्षत्र शूल:
कोई नहीं
चन्द्र वास:
दक्षिण में
चन्द्रबलम और ताराबलम
निम्न राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम अगले दिन सूर्योदय तक:मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, मकर, मीन *मिथुन राशि में जन्में लोगो के लिए अष्टम चन्द्र
निम्न नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबलम ०७:१९ तक:भरणी, रोहिणी, मॄगशिरा, पुनर्वसु, अश्लेशा, पूर्वाफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढा, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्व भाद्रपद, रेवती उसके पश्चात – निम्न नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबलम अगले दिन सूर्योदय तक:अश्विनी, कृत्तिका, मॄगशिरा, आर्द्रा, पुष्य, मघा, उत्तराफाल्गुनी, चित्रा, स्वाती, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढा, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तर भाद्रपद