बरेली : सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को रामपुर पहुंचने और आजम खान के खिलाफ जिला प्रशासन की मनमानी के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करने का निर्देश दिया। रामपुर में गुरुवार को होने वाले विरोध-प्रदर्शन के लिए बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर समेत आस-पास के तमाम सपाईयों ने कूंच कर दी। सभी जगह पुलिस ने सपाईयों को रामपुर जाने से रोक दिया। इस पर सपाईयों ने जमकर प्रदर्शन किया। पुलिस, प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
बरेली – बरेली से रामपुर जा रहे पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार, जिलाध्यक्ष शुभलेश यादव सहित तमाम सपाईयों को मीरगंज पुलिस ने अनुबिस चौकी पर हिरासत में ले लिया। इस पर सपाई हंगामा करने लगे। उनकी पुलिस से तीखी नोंकझोक हुई। कड़ी सुरक्षा में उन्हें फतेहगंज पश्चिमी थाने ले जाया गया। मौके पर एसपी देहात डा संसार सिंह ,एसडीएम राजेश चंद्र, सीओ रामानंद राय ,प्रभारी निरीक्षक राजवीर सिंह मीरगंज, एसएसआई सुजाउर रहीम फतेहगंज पश्चमी आदि पहुंच गए।
बदायूं में सपा जिलाध्यक्ष आशीष यादव, सहसवान विधायक ओमकार सिंह यादव समेत दर्जनों सपा कार्यकर्ता बिसौली होते हुए रामपुर जा रहे थे। आसफपुर तिराहे पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया। सपाईयों ने सड़क पर बैठकर धरना दिया। सीओ बिसौली सर्वेंद्र सिंह ने बताया कि सपा कार्यकर्ता रामपुर जा रहे थे, आसफपुर तिराहे पर रोका गया तो वहीं धरना पर बैठ गए। सभी को कोतवाली लाया गया है, इनसे लिखित में लिया जाएगा कि रामपुर नहीं जाएंगे, इसके बाद ही छोड़ा जाएगा।
पीलीभीत के बिलसंडा थाना क्षेत्र में गुरुवार को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोक दिया है। सपा कार्यकर्ताओं को ईंटगांव चौकी परिसर को बिठाया गया है ।
शाहजहांपुर में सपा कार्यकताओं ने आजम खां पर दर्ज मुकदमों व उनके बेटे की गिरफ्तारी के विरोध में कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन किया।
यह है पूरा मामला
रामपुर में आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी से चोरी की किताबें बरामद हुई। पुलिस उसी की जांच-पड़ताल के लिए कैंपस में गई तो आजम खान के विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम खान ने विरोध करते हुए पुलिस को कैंपस में घुसने से रोक दिया था। इस पर पुलिस ने अब्दुल्ला आजम खान को कई घंटे हिरासत में रखा।
कार्यकर्ताओं को एक्टिव करने का अवसर
सपा विरोध प्रदर्शन के बहाने जहां एक ओर अपने सबसे कद्दावर नेता के साथ खड़ी दिखना चाहती है वहीं, विधानसभा उपचुनाव से पहले निराश और हताश कार्यकर्ताओं को फिर से एक्टिव मोड में लाना चाहती है। लोकसभा चुनाव में हार और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन टूटने के बाद हताश कार्यकर्ताओं में जान फूंकने के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास समय भुनाने का अच्छा अवसर है।
जागरण साभार