बरेली। महेशपुरा फाटक स्थित हनुमान मंदिर के पुजारी प्रेमदास की गुरुवार को छत के मलबे के नीचे दबने से मौत हो गई। यह हादसा तब हुआ जब वह सुबह चाय बना रहे थे। लोगों को घटना की जानकारी तब हुई जब वे मंदिर में दर्शन के लिए लोग पहुंचे, पुजारी को आवाज दी और वह नहीं आये। भक्त लोग कमरे पर पहुंचे तो छत गिरी पड़ी थी और बाबा उसके मलबे में दबे हुए थे।
रामगंगा स्थित गंगा मंदिर के पुजारी मौनी बाबा ने बताया कि पुजारी प्रेमदास (उम्र करीब 90 साल) लगभग 25 साल से मंदिर में पूजा पाठ का काम कर रहे थे। गुरुवार सुबह वह चाय बनाने के लिए निकले। पास के रहने वाले एक युवक से साथ चाय पीने की बात कही। इस पर युवक ने काम होने की बात कहकर थोड़ी देर में वापस आने की बात कही। उनके मुताबिक, इसी के बाद प्रेमदास चाय बना रहे थे। तभी मंदिर की छत उन पर गिर गई। मलबे के नीचे दबने से उनकी मौत हो गई।
श्रद्धालुओं के मंदिर में पहुंचने पर घटना की जानकारी हुई। आवाज देने पर भी पुजारी प्रेमदास नहीं आये तो लोगों ने उनके कमरे में जाकर देखा। वहां छत ढह चुकी थी। मलबा हटाने पर पुजारी का शव दिखा। पास ही चाय का भगोना पड़ा था। छत संभवतः तब गिरी जब पानी उबल रहा था क्योंकि प्रेमदास का सिर और चेहरा हल्का झुलसा हुआ था।
इंस्पेक्टर सुभाष नगर नरेश कुमार त्यागी ने बताया कि छत गिरने से पुजारी की मौत की बात सामने आई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।