नई दिल्ली। वाहनों को एक से दूसरे राज्य ले जाने के लिए ट्रांसफर कराने में अब झंझट का सामना नहीं करना पड़ेगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय  वाहनों के आसानी से ट्रांसफर के लिए नई स्कीम लेकर आया है। नयी व्यवस्था के अंतर्गत भारत सीरीज (BH-series) के तहत नये वाहनों पर नये तरीके का रजिस्ट्रेशन मार्क दिया जाएगा। इस सीरीज के नंबर की गाड़ी जिसके पास होगी उसे किसी दूसरे राज्य में जाने पर पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी) ट्रांसफर की जरूरत नहीं पड़ेगी। मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी।

मंत्रालय ने कहा है, “वाहनों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए सरकार ने नागरिक केंद्रित कई कदम उठाए हैं। वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए आईटी आधारित सॉल्यूशन भी इसी तरह का एक प्रयास है। हालांकि, वाहन पंजीकरण प्रक्रिया में एक बिंदु जिस पर ध्यान देने की जरूरत थी, वह यह थी कि एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर वाहन का पुन: पंजीकरण।”

दूसरे राज्यों में रजिस्ट्रेशन का अब तक यह है नियम

वर्तमान समय में आप एक निश्चित अवधि के लिए दूसरे राज्य में बिना रजिस्ट्रेशन कराए वाहन रख सकते हैं। वर्तमान में एक व्यक्ति को उस राज्य के अलावा किसी भी राज्य में अधिकतम 12 महीने तक वाहन रखने की अनुमति है जहां वह पंजीकृत है। मालिक को ऐसे वाहनों का 12 महीने की समाप्ति से पहले फिर से पंजीकरण करवाना होता है। BH-series के बाद इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी।

नई सीरीज किसके लिए और कौन कर सकता है अप्लाई

BH-series के शुरू हो जाने के बाद सबसे अधिक राहत उन लोगों को मिलेगी जिनका तबादला होता रहता है और उन्हें अपने साथ गाड़ी ले जानी होती है। वहां दोबारा रजिस्ट्रेशन की दिक्कत रहती है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने रक्षा कर्मियों, केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारियों, सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कंपनियों और संगठनों के स्वामित्व वाले निजी वाहनों के पंजीकरण के लिए इस नई सीरीज की शुरुआत की है। इस नई सीरीज के तहत जिनके कार्यालय चार या अधिक राज्यों में है उनके कर्मचारी अप्लाई कर सकते हैं। सरकारी और प्राइवेट दोनों ही जगहों पर काम करने वाले लोग इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं। यह योजना स्वैच्छिक है अनिवार्य नहीं है।

किस रंग में होगा नंबर प्लेट, कैसे होगी नंबर की शुरुआत

BH-series में नंबर प्लेट काले और सफेद रंग की होगी। सफेद बैकग्राउंड पर काले रंग से नंबर अंकित होगा। इसके साथ ही BH से इसकी शुरुआत होगी और इसके बाद रजिस्ट्रेश के वर्ष के अंतिम दो अंक और फिर आगे का नंबर होगा।

BH-series नंबर के लिए कितना टैक्स और कितने साल के लिए

वाहन मालिकों के पास विकल्प होगा। उन्हें दो साल या दो के गुणकों में रोड टैक्स का भुगतान करना होगा। आरटीओ के पास जाने की जरूरत नहीं है, पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। BH-series के लिए मंत्रालय ने 10 लाख रुपये तक की लागत वाले वाहनों के लिए 8%, 10-20 लाख रुपये की लागत वाले वाहनों के लिए 10% और 20 लाख रुपये से अधिक की लागत वाले वाहनों के लिए 12% रोड टैक्स तय किया है। डीजल वाहनों के लिए 2% अतिरिक्त शुल्क और इलेक्ट्रिक वाहनों पर 2% कम टैक्स लगाया जाएगा।

अलग टैक्स का झंझट हो जाएगा समाप्त

वर्तमान समय में अलग- अलग राज्यों में रोड टैक्स अलग है। इस नए सिस्टम के बाद दोबारा से रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी और आरटीओ के चक्कर भी नहीं काटने होंगे। सीधे और आसान शब्दों में BH-series की गाड़ी बेफिक्र होकर अब किसी भी राज्य में ले जाइए और रजिस्ट्रेशन का झंझट भी खत्म हो जाएगा।

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