लखनऊः लखीमपुर खीरी के तिकुनियां में तीन अक्टूबर 2021 को हुए उपद्रव-हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत के मामले में सोमवार को आरोप-पत्र दाखिल किया गया। घटना के 88 दिन बाद दाखिल इस चार्जशीट में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को मुख्य आरोपित बताया गया।
उत्तर प्रदेश की राजनीति को गरमा देने वाले इस मामले की जांच कर रही एसआइटी ने जो चार्जशीट दाखिल की है, वह पूरे पांच हजार पन्नों की है। इसमें बताया गया है कि आशीष मिश्रा मोनू घटनास्थल पर मौजूद था। इस आरोपपत्र में 17 लोगों पर सैकड़ों गंभीर आरोप लगाए गए हैं जिनमें से तीन की मौत हो गई है। अब बाकी 14 लोगों को इस हिंसा का जिम्मेदार बनाया गया है। इनमें से 13 को गिरफ्तार किया गया है। अन्य आरोपित वीरेन्द्र कुमार शुक्ला को पुलिस ने साक्ष्य मिटाने के अपराध का दोषी माना है।
आरोप-पत्र में कहा गया है कि घटना के दिन तथा समय केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी का पुत्र आशीष मिश्रा मोनू घटनास्थल पर ही था।सीजेएम चिंताराम की अदालत में दाखिल चार्जशीट में 17 लोगों को जिम्मेदार माना गया है। इनमें से मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा मोनू तथा 14 लोग गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं। अन्य तीन की मौत हो गई है। इस केस में पुलिस 208 गवाह भी कोर्ट में पेश करेगी। विवेचक इंस्पेक्टर विद्याराम दिवाकर ने सोमवार को चार्जशीट दाखिल की है।
एसपीओ एसपी यादव ने आरोप पत्र दाखिल होने की पुष्टि की है। इस हिंसा में केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू समेत 14 आरोपित जेल में हैं। चार्जशीट में मोनू मिश्रा को मुख्य आरोपित माना गया है।
गौरतलब है कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के थाना तिकुनिया क्षेत्र में हुई हिंसा के दौरान एक पत्रकार समेत चार किसानों की हत्या वाहन से रौंदकर की गई थी। घटना के दूसरे दिन जिला बहराइच के कोतवाली नानपारा निवासी जगजीत सिंह की तहरीर पर थाना तिकुनिया में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा समेत 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ थाना तिकुनिया में बलवा, हत्या, दुर्घटना और हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। सात अक्टूबर को खीरी हिंसा कांड से जुड़े आरोपित लवकुश राणा व आशीष पांडेय को एसआइटी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया था। दूसरे दिन जेल भेज दिया था। नौ अक्टूबर को केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा अधिवक्ता के साथ एसआइटी के सामने बयान दर्ज कराने पुलिस लाइन पहुंचे थे जहां 12 घंटे की पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया था।